'विवाद से विश्वास' योजना के लिए 22 जुलाई तक लंबित सभी अपीलें पात्र |

‘विवाद से विश्वास’ योजना के लिए 22 जुलाई तक लंबित सभी अपीलें पात्र

'विवाद से विश्वास' योजना के लिए 22 जुलाई तक लंबित सभी अपीलें पात्र

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Modified Date: December 17, 2024 / 05:55 PM IST
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Published Date: December 17, 2024 5:55 pm IST

नयी दि्ल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) आयकर विभाग ने कहा है कि ‘विवाद से विश्वास योजना, 2024’ के लिए 22 जुलाई तक लंबित सभी अपीलें पात्र होंगी, चाहे उनका बाद में निपटान कर दिया गया हो या वापस ले लिया गया हो।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने ‘विवाद से विश्वास योजना, 2024’ के बारे में ‘अक्सर पूछे जाने वाले सवालों’ (एफएक्यू) का एक नया समूह जारी करते हुए यह स्पष्टीकरण दिया है।

इस विवाद समाधान योजना का लाभ उठाने के इच्छुक करदाताओं को 31 दिसंबर तक एक घोषणा दाखिल करनी होगी।

सीबीडीटी ने कहा है कि उसे ‘विवाद से विश्वास योजना (वीएसवी), 2024’ योजना के बारे में कई सवाल मिले हैं और यह एफएक्यू ‘बेहतर जागरूकता और समझ’ बनाने में मदद करेगा।

इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किसी करदाता की प्रत्यक्ष कर से संबंधित 22 जुलाई तक लंबित सभी अपीलें इस योजना के लिए पात्र होंगी, चाहे उन अपीलों का बाद में निपटान कर दिया गया हो या वापस ले लिया गया हो।

इस योजना की घोषणा वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में 23 जुलाई, 2024 को की गई थी और इसे एक अक्टूबर को अधिसूचित किया गया था।

कर परामर्श फर्म नांगिया एंड कंपनी में साझेदार सचिन गर्ग ने कहा कि विवादित राशि की कम दर के भुगतान के लिए पात्र होने के लिए 31 दिसंबर, 2024 को या उससे पहले घोषणा दाखिल करना महत्वपूर्ण है, न कि उस तिथि से पहले भुगतान करना।

विवादित राशि का भुगतान कर अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र मिलने की तारीख से 15 दिनों के भीतर करना होगा।

एकेएम ग्लोबल में प्रमुख (हस्तांतरण मूल्य-निर्धारण और मुकदमा) मनीष गर्ग ने कहा कि नया एफएक्यू मुख्य रूप से पात्रता मानदंड और योजना के तहत देय राशि की गणना के बारे में अस्पष्टता दूर करने की कोशिश है।

यदि करदाता 31 दिसंबर, 2024 से पहले घोषणा दाखिल करते हैं, तो उन्हें विवादित कर मांग का 100 प्रतिशत भुगतान करना होगा। ऐसे मामलों में ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाएगा।

जिन मामलों में घोषणा एक जनवरी, 2025 को या उसके बाद की जाती है, उनमें विवादित कर मांग का 110 प्रतिशत करदाता को चुकाना होगा।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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