हवाई क्षेत्र पर रोक से भारतीय एयरलाइंस की लागत प्रति सप्ताह 77 करोड़ रुपये बढ़ेगी

हवाई क्षेत्र पर रोक से भारतीय एयरलाइंस की लागत प्रति सप्ताह 77 करोड़ रुपये बढ़ेगी

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  • Publish Date - April 30, 2025 / 05:55 PM IST,
    Updated On - April 30, 2025 / 05:55 PM IST

मुंबई/ नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) भारतीय एयरलाइंस को पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बीच देश के उत्तरी शहरों से संचालित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए प्रति सप्ताह 77 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है।

हवाई क्षेत्र पर लगी रोक के कारण विमानन ईंधन की खपत बढ़ने और उड़ान की अवधि लंबी होने के कारण ऐसा होगा।

विदेशी उड़ानों की संख्या और उड़ान अवधि बढ़ने के साथ ही अनुमानित खर्चों के बारे में पीटीआई-भाषा के एक विश्लेषण से पता चला कि एयरलाइंस की अतिरिक्त मासिक परिचालन लागत 306 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।

पहलगाम आतंकी हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस बीच पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारतीय एयरलाइंस को अपने हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने से रोक देगा।

वैकल्पिक उड़ान मार्ग अपनाने से दिल्ली और उत्तर भारतीय शहरों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 1.5 घंटे तक का अतिरिक्त समय लग रहा है। इसकी वजह से विमानन ईंधन की खपत भी बढ़ गई है।

वाणिज्यिक क्षेत्र में व्यापक अनुभव रखने वाले एयरलाइन उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उत्तरी अमेरिका की 16 घंटे की उड़ान के लिए अब करीब 1.5 घंटे का समय और लगेगा। इस 1.5 घंटे की अतिरिक्त उड़ान पर करीब 29 लाख रुपये की लागत आएगी।

इसी तरह, यूरोप के लिए नौ घंटे की उड़ान पर भी करीब 1.5 घंटे का अतिरिक्त समय लगेगा और इस पर लागत करीब 22.5 लाख रुपये बढ़ जाएगी।

अधिकारी ने बताया कि पश्चिम एशिया की उड़ानों के मामले में अतिरिक्त समय करीब 45 मिनट होगा और इसके चलते लागत करीब पांच लाख रुपये बढ़ जाएगी।

विमानन विश्लेषण फर्म सिरियम के मुताबिक, भारतीय विमानन कंपनियां अप्रैल में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए एकतरफा 6,000 से अधिक उड़ानें संचालित करने वाली हैं।

इन आंकड़ों के मुताबिक भारतीय एयरलाइंस उत्तर भारतीय शहरों से उत्तरी अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप और पश्चिम एशिया सहित विदेशी गंतव्यों के लिए 800 से अधिक साप्ताहिक उड़ानें संचालित करती हैं।

इस तरह एक महीने में दोनों तरफ की 3,100 से अधिक उड़ानें होती हैं, और साप्ताहिक आधार पर यह संख्या लगभग 800 है।

विश्लेषण के अनुसार कुल अतिरिक्त मासिक खर्च लगभग 307 करोड़ रुपये और साप्ताहिक आधार पर 77 करोड़ रुपये होगा। ये आंकड़े मोटे अनुमान पर आधारित हैं।

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम