कृषि मंत्रालय ने पहली बार राष्ट्रीय खाद्य तेल खपत सर्वेक्षण शुरू किया |

कृषि मंत्रालय ने पहली बार राष्ट्रीय खाद्य तेल खपत सर्वेक्षण शुरू किया

कृषि मंत्रालय ने पहली बार राष्ट्रीय खाद्य तेल खपत सर्वेक्षण शुरू किया

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Modified Date: January 20, 2025 / 07:44 PM IST
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Published Date: January 20, 2025 7:44 pm IST

(लक्ष्मी देवी ऐरे)

नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने भारत में खाद्य तेल खपत के तरीके (पैटर्न) का आकलन करने के लिए अपना पहला सर्वेक्षण शुरू किया है। इसका उद्देश्य खाद्य तेल-तिलहन (एनएमईओ-तिलहन) पर नए मिशन को प्रभावी ढंग से लागू करना है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।

गत नौ जनवरी को शुरू हुआ यह 45 दिवसीय प्रश्नावली आधारित सर्वेक्षण, 23 फरवरी तक जारी रहेगा। यह पहल ऐसे समय की गई है जब दुनिया के सबसे बड़े खाद्य तेल उपभोक्ता एवं आयातक देश – भारत के पास अपने खपत पद्धति पर हाल के आंकड़ों का अभाव है।

अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘सर्वेक्षण का उद्देश्य खाद्य तेलों की खपत पद्धति और पसंद को समझना है, जो नीतिगत निर्णयों में मदद करेगा।’’

उद्योग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में खाद्य तेल की प्रति व्यक्ति वार्षिक खपत 20 किलोग्राम से अधिक हो गई है, जो भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा 12 किलोग्राम और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा 13 किलोग्राम की अनुशंसित सीमा से काफी अधिक है।

यह वर्ष 1950-60 के 2.9 किलोग्राम से काफी वृद्धि को दर्शाता है, जो बढ़ती आय, शहरीकरण और बदलती आहार आदतों जैसे कारकों से प्रेरित है।

व्यापक सर्वेक्षण घरेलू खाना पकाने के तेल की प्राथमिकताओं पर केंद्रित है और इसमें जनसांख्यिकीय विवरण, निवास और निवास प्रकार के बारे में प्रश्न शामिल हैं।

यह विशिष्ट पहलुओं जैसे कि उपयोग किए जाने वाले तेलों के प्रकार, तलने की आवृत्ति, मौसमी उपयोग पैटर्न और तेल के चयन को प्रभावित करने वाले कारक, जिसमें स्वास्थ्य लाभ और मूल्य संबंधी विचार शामिल हैं, का पता लगाता है।

प्रश्नावली ट्रांस वसा जैसे स्वास्थ्य जोखिमों, तेल के पुन: उपयोग के प्रति दृष्टिकोण और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में तेलों के बारे में चिंताओं के बारे में सार्वजनिक जागरूकता का भी आकलन करती है।

इसके अतिरिक्त, यह विज्ञापनों से संबंधित उपभोक्ता व्यवहार, लेबल-पढ़ने की प्रथाओं और स्वस्थ तेल विकल्पों के लिए प्रीमियम कीमतों का भुगतान करने की इच्छा की जांच करता है।

सर्वेक्षण के परिणाम एनएमईओ-तिलहन कार्यक्रम के तहत प्राथमिकता वाले तिलहनों को निर्धारित करने में मदद करेंगे, जिसे जुलाई से शुरू होने वाले आगामी खरीफ (गर्मी) मौसम में पेश किया जाना है।

सात वर्षों में 10,103 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय वाले इस मिशन का लक्ष्य घरेलू तिलहन उत्पादन को वित्त वर्ष 2022-23 के 3.9 करोड़ टन से बढ़ाकर 2030-31 तक 6.97 करोड़ टन करना है।

वर्तमान में, भारत अपनी खाद्य तेल आवश्यकताओं का 55-60 प्रतिशत हिस्सा इंडोनेशिया, मलेशिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन सहित कई अन्य देशों से आयात करता है। तेल विपणन वर्ष 2023-24 में, भारत का खाद्य तेल आयात लगभग एक करोड़ 59.6 लाख टन तक पहुंच गया।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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