मालेगांव, 24 जनवरी (भाषा) केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि विज्ञान के सहकारी क्षेत्र का हिस्सा बनने पर कृषि एक लाभदायक व्यवसाय बन जाती है।
इसके साथ ही शाह ने राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार में कृषि मंत्री रहते हुए उनके योगदान पर सवाल उठाया।
उत्तर महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में सहकारिता क्षेत्र की एक बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘सिर्फ नेता बनना ही काफी नहीं है, आपको जमीन पर भी काम करने की जरूरत होती है।’’
शाह ने कहा कि विज्ञान के महत्व पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ‘जय जवान जय किसान’ के मशहूर नारे में ‘जय विज्ञान’ को भी शामिल किया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय का भी दायित्व संभालने वाले शाह ने कहा कि जब विज्ञान सहकारी क्षेत्र का हिस्सा होता है तो कृषि एक लाभदायक व्यवसाय बन जाती है।
उन्होंने कहा कि जैविक कृषि उत्पादों की पैकेजिंग एवं विपणन के लिए सहकारिता मंत्रालय के तहत एक अलग इकाई ‘भारत सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड’ (आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड) की स्थापना की गई है।
शाह ने कहा कि एक मजबूत सहकारी क्षेत्र सही मायने में ‘आत्मनिर्भर’ होने का संकेत देता है। इस क्षेत्र में 1.18 लाख सदस्य हैं और उनकी सरकार ने जुलाई, 2021 में स्थापित सहकारिता विभाग के कई लंबित मुद्दों को हल किया है।
उन्होंने कहा, ‘चीनी मिलों का 46,000 करोड़ रुपये का कर घटा दिया गया है। नए गोदाम बनाए गए हैं, ऋण वितरित किए गए हैं, एथनॉल मिश्रण के लिए कदम उठाए गए हैं।’
गन्ना प्रसंस्करण के उप-उत्पाद एथनॉल को पेट्रोल में मिलाया जा सकता है जिससे ईंधन की लागत में कमी आएगी और हानिकारक कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा।
शाह ने महाराष्ट्र राजनीति के पुराने दिग्गज पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि संप्रग सरकार के समय दस साल तक केंद्रीय कृषि मंत्री रहते समय सहकारी क्षेत्र उनके अधिकार क्षेत्र में ही था।
शाह ने मंत्री के तौर पर पवार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘आपने इस क्षेत्र के लिए क्या किया है… क्या आपने कर मुद्दों को हल किया, कर के संबंध में मॉडल उपनियम बनाए?’
मोदी सरकार ने जुलाई, 2021 में सहकारिता मंत्रालय को एक अलग इकाई के रूप में बनाया। मंत्रालय देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)