श्रीनगर, 21 जुलाई (भाषा) भारतीय सेब किसान संघ (एएफएफआई) ने रविवार को ‘स्थानीय किसानों को बचाने के लिए’ सेब के आयात पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाने की मांग की।
कुलगाम जिले में सेब किसानों के राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए माकपा नेता एम वाई तारिगामी ने कहा कि सरकार को सेब उद्योग का निगमीकरण रोकना चाहिए और स्थानीय किसानों को बचाने के लिए 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाना चाहिए।
तारिगामी ने कहा कि सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें मांग की गई कि खुदरा मूल्य का 50 प्रतिशत न्यूनतम खरीद मूल्य के रूप में भुगतान किया जाए।
एएफएफआई सम्मेलन ने नकली कीटनाशकों और उर्वरकों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आह्वान के अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र में इनके लिए बीमा कवरेज की भी मांग की।
उन्होंने मांग की कि किसानों को सीधे रियायती दरों पर भंडारण सुविधाएं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “सरकार कॉरपोरेट कंपनियों को वाणिज्यिक किराए पर चलाने के लिए नियंत्रित वातावरण भंडार (सीएएस) बनाने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है।”
एएफएफआई के राष्ट्रीय समन्वयक राकेश सिंघा ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ आयात शुल्क को 70 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा।
सिंघा ने कहा, “सेब उद्योग के निगमीकरण के कारण आम लोग सेब लेने में असमर्थ हैं।” उन्होंने किसानों के लिए खरीद मूल्य के रूप में खुदरा मूल्य का 50 प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए मूल्य नीति की मांग की।
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