विज्ञापनदाताओं को 18 जून से भ्रामक दावा संबंधी स्व-घोषणा प्रमाणपत्र देना होगा |

विज्ञापनदाताओं को 18 जून से भ्रामक दावा संबंधी स्व-घोषणा प्रमाणपत्र देना होगा

विज्ञापनदाताओं को 18 जून से भ्रामक दावा संबंधी स्व-घोषणा प्रमाणपत्र देना होगा

:   Modified Date:  June 3, 2024 / 10:23 PM IST, Published Date : June 3, 2024/10:23 pm IST

नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) सरकार ने सोमवार को सभी विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों से स्व-घोषणा प्रमाणपत्र जमा करने को कहा जिससे यह स्पष्ट हो सके कि विज्ञापन में भ्रामक दावे नहीं किए गए हैं और यह नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन करता है।

उच्चतम न्यायालय की तरफ से पिछले महीने जारी निर्देशों के मुताबिक, सभी नए प्रिंट, डिजिटल, टेलीविजन और रेडियो विज्ञापनों के लिए स्व-घोषणा देना जरूरी होगा।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्देश पारदर्शिता, उपभोक्ता संरक्षण और जिम्मेदार विज्ञापन व्यवहार को सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।

टीवी और रेडियो विज्ञापनों के मामले में स्व-घोषणा प्रमाणपत्र को ‘ब्रॉडकास्ट सेवा’ पोर्टल पर और प्रिंट, डिजिटल और इंटरनेट विज्ञापनों के लिए भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की वेबसाइट पर डालना होगा।

इस स्व-घोषणा प्रमाणपत्र पर विज्ञापनदाता या विज्ञापन एजेंसी के अधिकृत प्रतिनिधि के हस्ताक्षर भी होने चाहिए।

सभी विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों को 18 जून, 2024 या उसके बाद जारी/ प्रसारित/ प्रकाशित होने वाले सभी नए विज्ञापनों के लिए यह प्रमाणपत्र हासिल करना जरूरी है।

सभी हितधारकों को स्व-प्रमाणन की प्रक्रिया से परिचित होने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करने के लिए दो सप्ताह की बफर अवधि रखी गई है।

हालांकि, अभी प्रसारित या प्रकाशित हो रहे विज्ञापनों को स्व-प्रमाणन की जरूरत नहीं होगी।

दस्तावेज़ को प्रमाणित करना चाहिए कि विज्ञापन में भ्रामक दावे नहीं किए गए हैं और यह सभी प्रासंगिक नियामक दिशानिर्देशों का अनुपालन करता है। इसमें केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के नियम सात और भारतीय प्रेस परिषद के पत्रकारिता आचरण के मानदंड शामिल हैं।

विज्ञापनदाता को संबंधित प्रसारक, मुद्रक, प्रकाशक या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मंच को उनके रिकॉर्ड के लिए स्व-घोषणा प्रमाणपत्र अपलोड करने का प्रमाण देना होगा। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार, वैध स्व-घोषणा प्रमाणपत्र के बगैर किसी भी विज्ञापन को टेलीविजन, प्रिंट मीडिया या इंटरनेट पर चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)