किसानों की आशंकाओं पर अडानी एग्री की दो टूक, कहा- कंपनी न तो अनाज खरीदती है और न ही ठेका खेती में जाने का कोई इरादा | Adani does not buy foodgrains from farmers, company has no intention of going into contract farming: Adani Agri

किसानों की आशंकाओं पर अडानी एग्री की दो टूक, कहा- कंपनी न तो अनाज खरीदती है और न ही ठेका खेती में जाने का कोई इरादा

किसानों की आशंकाओं पर अडानी एग्री की दो टूक, कहा- कंपनी न तो अनाज खरीदती है और न ही ठेका खेती में जाने का कोई इरादा

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 07:53 PM IST
,
Published Date: January 7, 2021 12:22 pm IST

नयी दिल्ली: नये कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों के जारी विरोध के बीच अडाणी समूह की कंपनी अडाणी एग्री लाजिस्टिक्स ने स्पष्ट किया है कि कंपनी न तो किसानों से सीधे अनाज खरीदती है, न ही कंपनी ठेका (कांट्रेक्ट) खेती का काम करती है और न ही भविष्य में कंपनी का ऐसा करने का इरादा है। कंपनी ने एक बयान में विभिन्न मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुये कहा कि वह किसानों से कोई अनाज नहीं खरीदती बल्कि वह अनाज के भंडारण की सेवायें देती है। उसने अनाज भंडारण के लिये जो गोदाम (साइलो) बनाये हैं, वह परियोजना उसने 2005 में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की निविदा के तहत प्रतिस्पर्धी बोली लगाकर हासिल की थी।

Read More: सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान, कहा- राजिम पुन्नी मेला में इस बार नहीं होगा शासकीय आयोजन, मेला पर रोक नहीं

वर्ष 2005 में केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार सत्ता में थी। कृषि कानूनों के विरोध के बीच इस तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं कि नये कृषि कानून उद्योगपतियों के फायदे के लिये लाये गये हैं। कहा जा रहा है कि इन उद्योगपतियों को पहले से ही जानकारी थी कि सरकार कृषि कानून लाने वाली है इसलिये उन्होंने कृषि क्षेत्र में कारोबार शुरू कर दिया। इन सवालों के बीच अडाणी एग्री लॉजिस्टिक्स के उपाध्यक्ष पुनीत मेंहदीरत्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘कंपनी कोई ठेका खेती का काम नहीं करती है और न ही भविष्य में कंपनी का ऐसा कोई इरादा है। यह भी गलत आरोप लगाया जा रहा है कि कंपनी ठेका खेती के लिए पंजाब और हरियाणा में जमीन का अधिग्रहण कर रही है।’’

Read More: शिवसेना ने की राहुल गांधी की प्रशंसा, कहा- ‘दिल्ली के शासक’ डरते हैं इनसे

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘अदाणी एग्री लॉजिस्टिक्स मात्र अनाज के भंडारण एवं परिवहन का काम करती है, किसानों से सीधे अनाज खरीदने का काम नहीं करती है। भारत में कम से कम एक दर्जन ऐसी कंपनियाँ हैं जो अनाज के भंडारण या परिवहन का काम करती हैं। अदाणी एग्री लॉजिस्टिक्स उन एक दर्जन कंपनियों में से एक है।’’

Read More: खराब प्रदर्शन के बाद आलोचना के हकदार हैं हम: मिसबाह उल हक

मेंहदीरत्ता ने कहा, ‘‘हमारा काम सिर्फ आधुनिक और विश्वस्तरीय भंडारण एवं परिवहन संबंधी ढांचागत सुविधाएं तैयार करना और उसे चलाना है। इस काम के लिए हमें तयशुदा शुल्क के रूप में राशि मिलती है। और उस राशि को प्रतिस्पर्धी निविदा के तहत तय किया जाता है।’’ उल्लेखनीय है कि कंपनी के पंजाब के मोगा में स्थित कृषि गोदाम के बाहर हाल में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया है।

Read More: छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रतीक है राजिम : CM भूपेश बघेल, सुविधा विकसित करने नहीं आने दी जाएगी धन की कमी

गोदामों और अन्य ढांचागत सुविधा के बारे में मेंहदीरत्ता ने कहा, ‘‘कंपनी कृषि बुनियादी यादी ढांचा क्षेत्र में पिछले कई साल से काम कर रही है। अदाणी एग्री लॉजिस्टिक्स देश की पहली एकीकृत भंडारण और परिवहन परियोजना है। इसके लिये निविदा की प्रक्रिया सरकार ने 2005 में पूरी की थी। इसके तहत कंपनी ने विभिन्न राज्यों में सात जगहों पर अनाज भंडारण के लिये गोदाम और रेलवे तक अनाज पहुंचाने के लिये जरूरी ढांचागत सुविधा (रेलवे साइडिंग्स) तैयार की है।’’ उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिये अच्छी बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है और अडाणी एग्री लाजिस्टिक्स खाद्यान्न भंडारण सुविधाओं का निर्माण पिछले 15 साल से कर रही है और आगे भी करती रहेगी।

Read More: मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉक्टर ने गले की नस काटकर की खुदकुशी, बाथरुम में कर लिया था खुद को कैद