(योशिता सिंह)
न्यूयॉर्क, 25 नवंबर (भाषा) अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी के खिलाफ अमेरिका में 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने के आरोप के साथ ही अमेरिकी कानूनों के बाहरी क्षेत्र में इस्तेमाल का मुद्दा उठा है।
एक भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी ने यह राय देते हुए कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय उद्योगपति और मामले में शामिल अन्य लोग यहां नहीं रहते हैं।
प्रमुख अटॉर्नी रवि बत्रा ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमारे घरेलू कानून समान है, लेकिन अमेरिकी कानूनों के बाहरी क्षेत्र में इस्तेमाल के बारे में शुरुआती तौर पर मामला बनता है।’’
अमेरिकी अधिकारियों ने गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी सहित सात अन्य लोगों पर कथित 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है।
बत्रा ने कहा कि जैसा कि अमेरिकी मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने बहुत पहले फैसला सुनाया था, बाहरी क्षेत्र में हस्तक्षेत्र को राष्ट्र पसंद नहीं करते हैं और इसलिए इसके खिलाफ एक धारणा है।
उन्होंने कहा कि यदि आचरण की शिकायत अमेरिका से संबंधित है, तो आपराधिक आरोपों और दीवानी दावों पर मुकदमा चलाना उचित है।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) को इस मामले में किसी भी अन्य दीवानी वादी की तरह पहले प्रतिवादियों को समन और शिकायत देनी होगी और फिर उनके पास शिकायत का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय होगा। वे चाहें तो शिकायत या आरोपों को खारिज कर सकते हैं।
भाषा अजय पाण्डेय
अजय
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