नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) भारत के 93 प्रतिशत कार्यकारी अगले साल अपने साइबर सुरक्षा बजट में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। इनमें से 17 अगले साल अपने साइबर सुरक्षा बजट को 15 प्रतिशत बढ़ाना चाहते हैं।
पीडब्ल्यूसी इंडिया डिजिटल ट्रस्ट इनसाइट्स-2025 सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।
सर्वेक्षण में शामिल 42 प्रतिशत भारतीय कार्यकारी हालिया साइबर हमलों के मद्देनजर आगामी वर्ष में डेटा संरक्षण और उपचार को प्राथमिकता देने की बात कही।
पीडब्ल्यूसी के 2025 डिजिटल ट्रस्ट इनसाइट्स ‘इंडिया हाइलाइट्स’ के निष्कर्षों के अनुसार, भारतीय कारोबारी अगले 12 महीनों के लिए साइबर सुरक्षा को अपनी शीर्ष जोखिम न्यूनीकरण प्राथमिकता (61 प्रतिशत) मानते हैं। इसके बाद डिजिटल व प्रौद्योगिकी जोखिम (60 प्रतिशत), मुद्रास्फीति (48 प्रतिशत) और पर्यावरणीय जोखिम (30 प्रतिशत) का स्थान है।
रिपोर्ट में पाया गया कि सर्वेक्षण में शामिल 93 प्रतिशत भारतीय कार्यकारियों को अगले वर्ष साइबर बजट में वृद्धि की उम्मीद है।
इसमें विभिन्न क्षेत्रों के 4,042 व्यवसाय, प्रौद्योगिकी व सुरक्षा अधिकारियों के विचार शामिल हैं। इनमें भारतीय व्यवसायों का प्रतिनिधित्व करने वाले 155 अधिकारी भी शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, क्लाउड से जुड़े खतरे अब भी एक बड़ी चिंता बने हुए हैं, जिसे 55 प्रतिशत भारतीय कार्यकारियों ने सबसे अधिक चिंताजनक साइबर जोखिम बताया है। हालांकि, रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि 50 प्रतिशत सुरक्षा अधिकारियों और मुख्य वित्त अधिकारियों (सीएफओ) का मानना है कि वे भविष्य में इन खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है।
सभी सुरक्षा अधिकारियों और सीएफओ ने कहा कि विनियमनों ने उन्हें अपने साइबर निवेश को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें से 74 प्रतिशत ने अपने साइबर सुरक्षा रुख को बढ़ाया या मजबूत किया है।
भारतीय व्यवसायों के लिए यह एक मजबूत साइबर भविष्य को आकार देने में रणनीतिक निवेश तथा नियामकीय अनुपालन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
भाषा निहारिका अजय
अजय
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