नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) भारत में 90 प्रतिशत वित्तीय संस्थान नवोन्मेषण के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) और सृजनात्मक एआई (जेनएआई) पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट ‘भारत में फिनटेक नवाचार परिदृश्य का मानचित्रण’ के अनुसार, लगभग 74 प्रतिशत लोगों में डेटा एनालिटिक्स भी प्रमुखता से उभर कर सामने आया है। यह बताता है कि वित्तीय सेवा (एफएस) क्षेत्र के भीतर अंतर्दृष्टि और निर्णय लेने में इसकी अभिन्न भूमिका है।
इसमें कहा गया है कि सर्वेक्षण में बैंकों, बीमा कंपनियों और वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों सहित 31 वित्तीय संस्थानों ने भाग लिया।
रिपोर्ट के अनुसार, “एआई और जेनएआई भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए नवोन्मेषण के लिए मुख्य क्षेत्र के रूप में उभरे हैं। इसमें 90 प्रतिशत लोगों ने इन्हें नवोन्मेषण के लिए प्रमुख प्रौद्योगिकी बताया है।’’
इसके अलावा, 84 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ग्राहक अनुभव और जुड़ाव – अधिग्रहण, ऑनबोर्डिंग और सर्विसिंग नवाचार पहल के लिए प्रमुख क्षेत्र था।
इसके अलावा, 50 प्रतिशत से अधिक प्रतिभागियों ने उत्पाद वितरण को नवोन्मेषण के प्रमुख क्षेत्र के रूप में उजागर किया।
रिपोर्ट कहती है कि यह भी ध्यान देने योग्य है कि विभिन्न प्रतिक्रियाओं में जोखिम प्रबंधन, परिचालन और नियामकीय अनुपालन का बार-बार उल्लेख किया जाना, चल रही तकनीकी प्रगति के बीच मजबूत प्रशासनिक ढांचे को बनाए रखने में क्षेत्र की तत्परता को दर्शाता है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के भागीदार और पेमेंट्स ट्रांसफॉर्मेशन लीडर मिहिर गांधी ने कहा कि चूंकि फिनटेक उद्योग लगातार विकसित हो रहा है, इसलिए यह स्पष्ट है कि वृद्धि को डिजिटल सुरक्षा और नियामकीय अनुपालन की महत्वपूर्ण चुनौतियों के साथ संतुलित किया जाना चाहिए।
भाषा अनुराग अजय
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