बिहार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 8,584 लाभार्थी चयनित |

बिहार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 8,584 लाभार्थी चयनित

बिहार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 8,584 लाभार्थी चयनित

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Modified Date: January 17, 2025 / 07:50 PM IST
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Published Date: January 17, 2025 7:50 pm IST

पटना, 17 जनवरी (भाषा) बिहार के उद्योग विभाग ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के लिए कुल 8,584 लाभार्थियों का चयन किया। इनमें से अस्थायी रूप से 7,153 लाभार्थी चयनित किए गए जबकि शेष 1,431 लाभार्थी प्रतीक्षा सूची में है। राज्य सरकार ने एक बयान में यह जानकारी दी।

बयान के अनुसार इन योजनाओं के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए प्राप्त कुल 5,41,667 आवेदनों में से कुल 7,153 अतिरिक्त नए आवेदकों का अस्थायी रूप से चयन ‘कम्प्यूटरीकृत रेण्डमाईजेशन प्रणाली’ के जरिये किया गया। इसके अलावा कुल 1,431 आवेदकों को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। इन आवेदनों की जांच मुख्यालय स्तर पर की जाएगी।

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत नए उद्योगों की स्थापना के लिए लाभार्थियों को अधिकतम 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसमें 50 प्रतिशत अनुदान और 50 प्रतिशत ऋण है। ऋण पर मात्र एक प्रतिशत वार्षिक ब्याज लगता है।

उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा, “हम सभी इच्छुक उद्यमियों को उनकी जरूरत के अनुसार सहयोग प्रदान कर रहे हैं। हम उनकी यात्रा में उनके साथ हैं और उनके सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें अतिरिक्त वित्तपोषण देने के लिए तैयार हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य उनके उत्पादों की ब्रांडिंग को बेहतर बनाना और उनका वित्तपोषण कर उनकी क्षमताओं और उत्पादों को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाना है।”

उद्योग विभाग की सचिव बन्दना प्रेयषी ने कहा, “मुख्यमंत्री उद्यमी योजना समाज के सभी वर्गों के लिए है और सभी को मदद प्रदान करती है। हमारा उद्देश्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाना और इस योजना के तहत सभी इच्छुक लोगों को सहयोग देना है।

उन्होंने कहा, ‘‘‘इन्वेस्ट बिहार’ कार्यक्रम की सफलता के बाद अब हम मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की निगरानी कर रहे हैं। लाभार्थियों के प्रशिक्षण हेतु उनके नजदीकी जिले में प्रशिक्षण कार्यक्रम की व्यवस्था की जाएगी।’’

इस दौरान राज्य के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा, उद्योग विभाग की सचिव बन्दना प्रेयसी, उद्योग निदेशक अलोक रंजन घोष, तकनीकी विकास निदेशक शेखर आनंद, हस्तकरखा एवं रेशम विभाग के निदेशक निखिल धनराज निप्पणीकर और चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पटना (सीआईएमपी) के निदेशक डॉ. राणा सिंह उपस्थित रहे।

भाषा अनुराग रमण

रमण

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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