नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) देश में पिछले 24 माह यानी दो साल में कई भारतीय कंपनियों ने वित्तीय या आर्थिक धोखाधड़ी का सामना किया है। इसमें खरीद से संबंधित धोखाधड़ी सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरी है। पीडब्ल्यूसी के एक सर्वेक्षेण में यह तथ्य सामने आया है।
पीडब्ल्यूसी के वैश्विक आर्थिक अपराध सर्वेक्षण-2024 ने दुनियाभर के 2,446 कंपनियों के प्रमुखों की प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया, जिनमें से 91 भारत के थे।
पीडब्ल्यूसी ने कहा कि 50 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं शीर्ष पदों पर कार्यरत थे। इनमें निदेशक मंडल के सदस्य, मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष शामिल थे।
इसमें कहा गया है, ‘‘सर्वेक्षण में शामिल 59 प्रतिशत भारतीय कंपनियों ने कहा कि उन्हें पिछले 24 महीनों में वित्तीय या आर्थिक धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा है। यह वैश्विक औसत 41 प्रतिशत से 18 प्रतिशत अधिक है और इसी सर्वेक्षण के 2022 संस्करण के परिणामों की तुलना में सात प्रतिशत अधिक है।’’
इसमें आगे कहा गया है कि सर्वेक्षण का 2024 संस्करण बताता है कि खरीद धोखाधड़ी अब भारतीय व्यवसायों के लिए एक प्रमुख मुद्दा है, जिसमें 50 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसे एक बड़ी समस्या माना है। यह वैश्विक स्तर पर इस तरह की धारणा की तुलना में 21 प्रतिशत की उल्लेखनीय बढ़ोतरी है।
इसके विपरीत, वर्ष 2022 में, ग्राहक धोखाधड़ी को 47 प्रतिशत व्यवसायों द्वारा शीर्ष चिंता के रूप में बताया गया था।
सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि सभी आर्थिक अपराधों में से लगभग 33 प्रतिशत भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से संबंधित हैं।
भाषा राजेश राजेश अजय
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