नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 2024-25 में 10 जनवरी तक लगभग 220.11 करोड़ मानव दिवस का रोजगार सृजित किया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक समीक्षा पेश की, जिसमें यह जानकारी दी गई।
समीक्षा के मुताबिक 2023-24 में 308.9 करोड़ मानव दिवस का रोजगार सृजित किया गया था, जबकि यह आंकड़ा 2022-23 में 293.8 करोड़ और 2021-22 में 363.3 करोड़ था।
कोविड-19 महामारी के प्रकोप वाले साल 2020-21 में 389.1 करोड़ मानव दिवस का रोजगार सृजित किया गया था।
समीक्षा में कहा गया कि योजना का पूरा उपयोग करने के लिए कई दक्षता सुधार पेश किए गए हैं, जिसमें काम पूरा होने से पहले, काम के दौरान और काम पूरा होने के बाद ‘जियोटैगिंग’ शामिल है।
इसके मुताबिक, 99.98 प्रतिशत भुगतान राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से किए गए। मजदूरी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये जारी की गई और कुल सक्रिय श्रमिकों में 96.3 प्रतिशत के लिए आधार आधारित भुगतान किया गया।
समीक्षा में कहा गया कि दिसंबर, 2024 में कुल सफल लेनदेन का लगभग 99.23 प्रतिशत आधार भुगतान ब्रिज प्रणाली (एपीबीएस) के माध्यम से संसाधित किया गया।
इसमें कहा गया कि मनरेगा स्थायी रूप से आजीविका विविधीकरण के लिए एक टिकाऊ ग्रामीण संपत्ति निर्माण कार्यक्रम के रूप में विकसित हुई है।
इस योजना को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी), कृषि मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की विभिन्न पहल के साथ जोड़ा गया है।
भाषा पाण्डेय अजय
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)