Union Budget 2025: दालों की खेती करने वालों किसानों को तोहफा, वित्त मंत्री ने बजट भाषण में किया ये ऐलान, जानकर हो जाएंगे खुश |

Union Budget 2025: दालों की खेती करने वालों किसानों को तोहफा, वित्त मंत्री ने बजट भाषण में किया ये ऐलान, जानकर हो जाएंगे खुश

दालों की खेती करने वालों किसानों को तोहफा, वित्त मंत्री ने बजट भाषण में किया ये ऐलान, Union Budget 2025: Gift to farmers who cultivate pulses

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Modified Date: February 1, 2025 / 12:27 PM IST
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Published Date: February 1, 2025 11:28 am IST

नई दिल्लीः देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट पेश कर दिया है। इस बजट में कई बड़े ऐलान किए गए हैं। बजट पेश करने से पहले सुबह 8:45 बजे वह अपने आवास से वित्त मंत्रालय पहुंची। मंत्रालय में आधे घंटे रुकने के बाद वह राष्ट्रपति भवन गईं। वहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बजट की कॉपी सौंपी। राष्ट्रपति ने यहां उन्हें दही चीनी खिलाई। इसके बाद वह संसद भवन पहुंचीं। यहां कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें बजट को मंजूरी दी गई।

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वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि यह बजट सरकार की विकास को बढ़ाने, सभी के डेवलपमेंट, मिडिल क्लास की क्षमता को बढ़ाने के लिए समर्पित है। हमने इस सदी के 25 साल पूरा करने जा रहे हैं। हमारी विकसित भारत की उम्मीदों ने हमें प्रेरणा दी है।हमारी अर्थव्यवस्था सभी बड़ी इकोनमी में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।’ मोदी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी बढ़ा दी है। अभी तक किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिए 3 लाख रुपये तक का उधार दिया जाता है। सरकार ने इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है।

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तुअर, उड़द और मसूर को बढ़ावा देगी सरकार

वित्त मंत्री ने कहा मेक इन इंडिया, इम्पलॉयमेंट और इनोवेशन, एनर्जी सप्लाई, स्पोर्ट्स का डेवलपमेंट, एमएसएमपी का विकास हमारी विकास यात्रा में शामिल हैं और इसका ईंधन रीफॉर्म्स हैं। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद की संभावना है। ग्रामीण संपन्नाता और अनुकूलन निर्माण राज्यों की भागीदारी से शुरू किया जाएगा। कौशल, निवेश से कृषि में रोजगार का सुधार होगा। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में विकल्प पैदा करना है। युवा किसानों, ग्रामीण महिलाओं, किसानों छोटे किसानों पर ध्यान केंद्रित करेगा। पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा। खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता कै लिए राष्ट्रीय तेल मिशन को चला रही है। 10 साल पहले हमने ठोस प्रयास कििए थे और दलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की थी। तब से आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता की वृद्धि हुई है। अब सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर ध्यान दे रही है। इसका विवरण दिया गयाय है। केंद्रीय एजेंसियोें में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से 4 साल के दौरान एजेंसियां उतनी दलहन खरीदेंगी जितनी लाएगी।