Union budget 2025: भारत बनेगा दुनिया का खिलौना केंद्र, जल्द ही योजना लाएगी केंद्र सरकार |

Union budget 2025: भारत बनेगा दुनिया का खिलौना केंद्र, जल्द ही योजना लाएगी केंद्र सरकार

union budget 2025: : सरकार का भारत को दुनिया का खिलौना केंद्र बनाने का लक्ष्य, योजना लाएगी

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Modified Date: February 1, 2025 / 05:00 PM IST
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Published Date: February 1, 2025 3:59 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 'मेड इन इंडिया' ब्रांड का करेंगे प्रतिनिधित्व
  • भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाने की योजना की घोषणा

नयी दिल्ली: union budget 2025, केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में शनिवार को क्लस्टर विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाने की योजना की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि यह योजना क्लस्टर, कौशल और एक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी जो उच्च गुणवत्ता वाले, अद्वितीय, अभिनव और टिकाऊ खिलौने बनाएगी जो ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड का प्रतिनिधित्व करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘खिलौनों के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना पर निर्माण करते हुए हम भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए एक योजना लागू करेंगे।’’ इन उत्पादों की वैश्विक मांग में समग्र गिरावट के कारण भारत का खिलौना निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 के 17.7 करोड़ डॉलर से घटकर 2023-24 में 15.2 करोड़ डॉलर रह गया।

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सरकार के द्वारा अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड और सीमा शुल्क बढ़ाने जैसे कदमों ने घरेलू खिलौना निर्माताओं को विनिर्माण को बढ़ाने और पड़ोसी देश चीन से आयात पर निर्भरता कम करने में काफी मदद की है। उद्योग को वैश्विक व्यापार परिदृश्य में लंबे समय से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, कई वर्षों से यह लगातार खिलौनों का शुद्ध आयातक रहा है।

एक दशक से अधिक समय तक, भारत अपने खिलौनों के आयात के मामले में लगभग 76 प्रतिशत चीन पर बहुत अधिक निर्भर था। चीन से खिलौनों के लिए भारत का आयात खर्च वित्त वर्ष 2021-13 के 21.4 करोड़ डॉलर से घटकर 2023-24 में 4.16 करोड़ डॉलर रह गया, जिससे भारत के खिलौना आयात में चीन की हिस्सेदारी 94 प्रतिशत से घटकर 64 प्रतिशत रह गई, जो अंतरराष्ट्रीय खिलौना बाजार में भारत की बढ़ती प्रतिस्पर्धी क्षमता को दर्शाता है।

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भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाने की योजना पर टॉप 5 FAQ

1. इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस योजना का उद्देश्य भारत को उच्च गुणवत्ता, नवाचार और टिकाऊ खिलौनों के विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना है। यह क्लस्टर विकास, कौशल प्रशिक्षण और आधुनिक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र पर केंद्रित होगी।

2. भारत के खिलौना उद्योग को इससे कैसे लाभ मिलेगा?

घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। चीन से आयात पर निर्भरता घटेगी और निर्यात क्षमता बढ़ेगी। ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड को वैश्विक पहचान मिलेगी।

3. सरकार इस योजना के तहत क्या सुविधाएं देगी?

खिलौना क्लस्टर के लिए बुनियादी ढांचे का विकास। अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बढ़ावा देना। अनिवार्य गुणवत्ता मानकों को लागू करना। छोटे और मध्यम उद्यमों (MSME) को वित्तीय सहायता प्रदान करना।

4. क्या इस योजना से खिलौनों की कीमतों में कोई बदलाव होगा?

घरेलू उत्पादन बढ़ने से आयात कम होगा, जिससे लागत कम हो सकती है। गुणवत्ता मानकों में वृद्धि से उच्च गुणवत्ता वाले खिलौने बनेंगे, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी होंगे।

5. भारत की वैश्विक खिलौना बाजार में स्थिति क्या है?

भारत पहले खिलौनों का शुद्ध आयातक था, लेकिन हाल के वर्षों में आयात में कमी और निर्यात में वृद्धि देखी गई है। सरकार की नीतियों के कारण चीन से आयात 94% से घटकर 64% हो गया है। इस योजना से भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धी क्षमता और अधिक मजबूत होगी।