Budget 2024: नई दिल्ली। मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट 23 जुलाई को पेश होने जा रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट पेश करेंगी। आज 22 जुलाई से बजट सत्र की शुरूआत भी हो गई है। इस दौरान केंद्र सरकार ने देश का आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश किया। साथ ही, पीएम मोदी ने आज संबोधन में कल पेश होने वाले आम बजट के फोकस एरिया के बारे में हिंट भी दे दिया है। बता दें कि बजट से हर वर्ग को अपनी उम्मीदें हैं। सभी वर्ग की निगाहें इस बजट पर टिकी हुई है। वहीं, इस बार बजट में ऑटो सेक्टर को भी काफी उम्मीदें है।
‘FAME-3’ के लॉन्च होने की उम्मीद
ऑटो सेक्टर को हर बार की तरह इस बार भी इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए चलाई जाने वाली केंद्र की फॉस्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) स्कीम के अगले चरण की उम्मीदे हैं। बता दें कि, FAME-2 को लॉन्च किया गया, जिसकी समय सीमा बीते 31 मार्च को खत्म हो गई। इस दौरान देश की सरकार चुनाव में जाने वाली थी तो एक अस्थाई स्कीम के तौर पर 4 महीनों के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशनल स्कीम (EMPS) को लॉन्च किया गया, जिसकी तिथि जुलाई में समाप्त होने वाली है। अब ऐसे में फेम स्कीम के तीसरे चरण ‘FAME-3’ के लॉन्च होने की संभावना जताई जा रही है।
वाहन निर्माता कंपनियों को करना होगा आवेदन
इस नए बजट में सरकार द्वारा नई FAME-3 स्कीम को रोल-आउट किए जाने की संभावना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, FAME के इस तीसरे चरण में 10,000 करोड़ रुपये का ऑउटले दिया जा सकता है, जो कि देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के साथ-साथ सरकारी बसों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। हालांकि, अभी इस योजना में इलेक्ट्रिक कारों को शामिल नहीं किया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि FAME-3 बिल्कुल नई स्कीम होगी तो इसके लिए वाहन निर्माता कंपनियों को फिर से आवेदन करना होगा। साथ ही ये स्कीम 2 साल की अवधि के लिए लॉन्च की जा सकती है। बता दें , FAME-2 स्कीम 5 साल तक चला था।
अंतरिम बजट में ईवी पर हुई थी ये बात
1 फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा था कि, “हमारी सरकार देश में बेहतर इलेक्ट्रिक व्हीकल इको सिस्टम डेवलप करने पर काम कर रही है। आने वाले समय में हमारी सरकार ई-वाहन का विस्तार और सुदृढ़ीकरण करेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और चार्जिंग को सपोर्ट करने वाले इको सिस्टम को तैयार किया जाएगा। सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक-बसों को अधिक से अधिक अपनाना और इलेक्ट्रिक व्हीकल नेटवर्क को विस्तार देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पिछले बजट में सरकार ने किया था ये दावा
बता दें कि पिछले साल बजट में सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने का दावा किया था। हालांकि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में कोई व्यक्तिगत बड़ा ऐलान नहीं किया गया था। लेकिन, लेकिन सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग सेंटर्स को सेटअप करने के साथ युवाओं को इस स्किल के लिए ट्रेनिंग देने की बात कही थी।
PLI स्कीम को विस्तार देने की उम्मीद
वाहन निर्माता कंपनी बजट से उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इस क्षेत्र के लिए PLI स्कीम को और विस्तार देगी। फंड को तेजी से रिलीज करने और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के उपाय ऑटोमोटिव उद्योग के लिए प्रमुख सकारात्मक कदम होंगे।
EV बैटरी पर कम टैक्स की उम्मीद
ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) ने कुछ दिनों पहले यूनियन बजट 2024-25 के लिए अपनी सिफारिशें भेजी थीं, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कंपानेंट्स पर GST दर कम करने की मांग की गई थी। इंडस्ट्री ने सरकार से अनुरोध किया है कि, इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली बैटरी पर जीएसटी दर को 18% से कम किया जाए, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत को कम किया जा सके।
हाइब्रिड कारों पर टैक्स में छूट की उम्मीद
इस बजट में हाइब्रिड कारों पर भी टैक्स की दर को कम करने की उम्मीदें हैं। वर्तमान समय में हाब्रिड वाहनों पर अधिकतम 43% टैक्स लगता है, जो कि रेगुलर ICE (पेट्रोल-डीजल) वाहनों पर लगने वाले 48% टैक्स से महज 5% कम है। बता दें कि इससे पहले केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने बयान में कहा था कि, उन्होनें वित्त मंत्रालय से हाइब्रिड वाहनों पर लगने वाले टैक्स की दर को कम कर के 12 फीसदी करने का अनुरोध किया था। गडकरी ने कहा था कि, हाइब्रिड वाहनों पर GST घटाकर 5 % और फ्लेक्स फ्यूल इंजन पर 12 % करने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को विचार के लिए भेज दिया गया है।
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