नई दिल्ली: Budget 2024 Expectations Highlights केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने के बाद मोदी सरकार 23 जुलाई को अपना बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट को सदन के पटल पर रखेंगी। बजट से पहले देश की जनता उम्मीद लगाए बैठी है कि उन्हें राहत मिल सकती है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार टैक्स छूट से लेकर टैक्स स्लैब में बदलाव करने की घोषणा कर सकती है। इतना ही नहीं ये भी कहा जा रहा है कि सरकार कर्मचारियों के लिए भी बजट में बड़ी घोषणा कर सकती है।
Budget 2024 Expectations Highlights बजट से पहले आज जनता उम्मीद लगाए बैठी है कि टैक्स स्लैब में राहत मिल सकती है। इसके अलावा, नई टैक्स व्यवस्था के तहत, अधिकतम अधिभार दर वर्तमान में 25% तय की गई है, जो पिछले टैक्स स्ट्रक्चर में 37% से काफी कम है। ऐसे में संभव है कि नई टैक्स व्यवस्था में प्रदान किए गए लाभों को पुराने टैक्स व्यवस्था में भी शामिल किया जा सकता है।
वहीं, दूसरी ओर कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार इस बार के बजट में बड़ा ऐलान करते हुए आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करेगी। वित्त वर्ष 2014-15 से 1.5 लाख रुपए पर स्थिर बनी हुई ये कटौती इस बार के बजट 2 लाख रुपए तक हो सकती है। इससे मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी।
केंद्रीय बजट 2024 को लेकर सैलरीड लोगों की भी कुछ उम्मीदें हैें। अटकलें लगाई जा रही है कि बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि को बढ़ाकर 100000 रुपए तक किया जा सकता है। बता दें कि केंद्रीय बजट 2018 में वेतनभोगी वर्ग के लिए प्रति वर्ष ₹40,000 की मानक कटौती फिर से शुरू की गई थी। इसके बाद, अंतरिम बजट 2019 में मानक कटौती की सीमा बढ़ाकर ₹50,000 कर दी गई। तब से स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि स्थिर बनी हुई है।
ओल्ड टैक्स व्यवस्था से नई टैक्स व्यवस्था में जाने वाले व्यक्तियों के लिए टैक्स कटौती के संभावित विस्तार का विश्लेषण करना अनिवार्य है। स्वास्थ्य बीमा और एनपीएस योगदान जैसे लाभों का विस्तार करके, स्वास्थ्य सेवा की सुलभता बढ़ाने और टैक्सपेयर्स के लिए निवेश को प्रोत्साहित करने का अवसर दिया जा सकता है।
केंद्रीय बजट में इस बार ओल्ड टैक्स व्यवस्था को लेकर बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है। इसमें आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना शामिल हो सकता है। एनडीए सरकार पर्सनल टैक्सपेयर्स पर बोझ कम करने के लिए टैक्स स्लैब को सरल बनाने और रेट्स को कम करने की संभावना है।
हाउस रेंट अलाउंस (HRA) सैलरी का एक पार्ट है, जो नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को उनके आवास व्यय को पूरा करने के लिए प्रदान किया जाता है। यह वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध एक टैक्स बेनिफिट है, जो किराए के आवास में रहते हैं। HRA छूट व्यक्ति द्वारा भुगतान किए गए वास्तविक किराए, उनके मूल वेतन और निवास के स्थान जैसे कारकों पर विचार करके तय की जाती है। बजट 2024 में HRA नियमों को संशोधित किया जाएगा ताकि वेतन के 50% के आधार पर HRA छूट के लिए कुछ अन्य शहरों को भी शामिल किया जा सकता है।