नई दिल्ली: उत्तराखंड में पेश किये जा रहे सामान नागरिक संहिता यानी यूसीसी के कानून को लेकर समाजवादी पार्टी ने आपत्ति जाहिर की हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सपा सांसद एसटी हसन ने साफ किया हैं कि जो कानून उनके कुरआन और शरीयत के खिलाफ होगा उसे वो मानाने को तैयार नहीं हैं। हसन ने भाजपा पर हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर लोगों के ध्रुवीकरण का आरोप भी लगाया है।
एसटी हसन ने कहा ”मुसलमानों को क़ुरान पाक ने जो हिदायतें दी हैं अगर इसके ख़िलाफ कोई कानून बनता है, जैसे-हम 1400 साल से पैतृक संपत्ति में बेटी को हिस्सा दे रहे हैं, तो अगर इसके विरुद्ध काई क़ानून बनता है तो हम उसे मानने को तैयार नहीं हैं। अगर हमारी शरियत के क़ाननू से दूसरों को कोई परेशानी नहीं है तो इन्हें क्यों है? ये कब तक हिंदू-मुसलमान करके ध्रुवीकरण करते रहेंगे।”
#WATCH समान नागरिक संहिता(UCC) उत्तराखंड 2024 विधेयक पर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने कहा, ”मुसलमानों को क़ुरान पाक ने जो हिदायतें दी हैं अगर इसके ख़िलाफ कोई कानून बनता है, जैसे-हम 1400 साल से पैतृक संपत्ति में बेटी को हिस्सा दे रहे हैं, तो अगर इसके विरुद्ध काई क़ानून… pic.twitter.com/fqdIrnQQhu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 6, 2024
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी महाराज ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किया है उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड के लिए सौभाग्य की बात है कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने जा रहा है। उन्होंने कहा इसके लिए हम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त करते हैं। एक बड़े मीडिया संसथान से बात करते हुए रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि यह बिल सभी जाति, धर्म और वर्ग के लोगों को एक सूत्र में बांधेगा और सभी के लिए एक कानून होंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं उन्हें बिल को ठीक से पढ़ना चाहिए क्योंकि इसमें किसी के अधिकारों का कोई हनन नहीं किया गया है।
इसी तरह उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिल को लेकर कहा कि धामी भाजपा नेताओं को खुश करने के लिए इसे लेकर आए हैं। वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बिल को मुसलमानों के खिलाफ साजिश बताया है।
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