लंदन। कर्मचारी को नौकरी से निकालना एक कंपनी को भारी पड़ गया। कर्मचारी को नौकरी से निकालने के लिए अब 51 लाख का हर्जाना देना होगा।ख दरअसल ब्रिटेन में रहने वाले 41 साल के डेन रो डेविड वुड बैंकिंग नाम की कंपनी में काम करते थे जो देश की प्रमुख किराना की दुकानों में खाने के आइटम सप्लाई करती है।
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एक दिन जब कंपनी में एक ईवेंट था तो उसमें उनका जाना बेहद जरूरी था मगर डेन ने उसके लिए भी आने से मना कर दिया. उन्होंने मैसेज किया कि वो बिस्तर से नहीं निकल पा रहे हैं. उन्होंने कई बार कैब बुक की मगर कैंसिल कर दी. इस घटना से पहले डेन अपने ऑफिस में मेडिकल रिपोर्ट्स भी दिखा चुके थे जिससे से साबित होता था कि वो डिप्रेशन के मरीज हैं और उन्हें सुसाइड करने का मन होता है।
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जब डेन ईवेंट में नहीं पहुंचे तो उनके बॉस ने गुस्से में उन्हें ऑफिस से निकाल दिया. जब डेन ने इस बात की अपील कोर्ट में की तो कुछ दिन बाद उन्हें पता चला कि उनकी अपील भी कैंसिल हो गई. अपील के कैंसिल का नोटिस देखकर डेन बेहद चिंतित हो गए और एक दिन उन्होंने सुसाइड के लिए भी ट्राय किया मगर नाकाम रहे.
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इसके बाद उन्हें अस्पताल में शिफ्ट किया गया और कोर्ट ने फिर से उनकी अपील पर सुनावाई की. कोर्ट ने डॉक्टरों की रिपोर्ट से ये माना कि अपील रद्द होने के बाद ही उन्होंने सुसाइड ट्राय किया. उन्हें नौकरी से ऐसी कंडीशन में निकाला जाना गलत था. कोर्ट ने माना कि नौकरी से निकाले जाने से डेन पर बुरा असर पड़ा है. कोर्ट ने कहा कि मानसिक रूप से अस्थिर होने के दौर में कंपनी को नौकरी से नहीं निकालना चाहिए था. पहले उन्हें जांच कर के पता लगाना चाहिए था कि डेन के ऑफिस ना आने की सही वजह क्या है. इस मामले के बाद कोर्ट ने कंपनी आदेश दिया कि वो डेन को मुआवजे के तौर पर 51 लाख रुपये दें।
बता दें डेन 20 सालों से मानसिक तनाव से ग्रसित थे और उन्होंने अक्सर अपने बॉसेज को इस बारे में बताया था. वो अक्सर नौकरी पर नहीं आते थे और सिक नोट भेज दिया करते थे. मार्च 2020 में जब ब्रिटेन कोरोना की चपेट में आया तब डेन की स्थिति और खराब हो गई थी. उनका डिप्रेशन काफी हद तक बढ़ गाया और वो कई-कई दिन ऑफिस नहीं जाने लगे थे उसी दौरान ये घटना घटी ।