कोलंबो: श्रीलंका के गायक और संगीतकार सुनील परेरा का कोविड-19 जटिलताओं के कारण 68 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने न केवल अपने गीतों से श्रीलंका की पीढ़ियों का मनोरंजन किया बल्कि सामाजिक अन्याय, भ्रष्टाचार, नस्लवाद, लोकतंत्र के दमन के खिलाफ मुखरता से अपनी बात रखकर उनका मन-मानस हर लिया।
सुनील पिछले महीने कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। राजधानी कोलंबो के एक अस्पताल में उनका इलाज किया गया। वह पिछले हफ्ते घर लौटे, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें वापस अस्पताल ले जाया गया और सोमवार को उनका निधन हो गया।
कोरोना वायरस से संबंधित स्वास्थ्य नियमों के कारण कोलंबो के मुख्य कब्रिस्तान में उसी दिन उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें केवल परिवार के करीबी सदस्य और मित्र शामिल हुए। सुनील और उनके बैंड ”जिप्सी” को बैला में महारत हासिल थी। बैला श्रीलंका में लोकप्रिय संगीत का एक रूप है, जिसकी जड़ें पुर्तगाली उपनिवेशवाद के दौर से जुड़ी हैं।
बुधवार को ‘डेली मिरर’ के एक संपादकीय में लिखा गया, ”सुनील केवल शानदार संगीत के दम पर इस क्षेत्र में स्थापित नहीं हुए, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर उनके मुखर हस्तक्षेप ने भी उन्हें पहचान दिलाई। इसकी झलक न केवल उनके गीतों के बोल में दिखाई देती है बल्कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से भी खुलकर अपने विचार रखे और उनके क्षेत्र की अन्य हस्तियां नहीं कर पाईं।”