Supreme Court Refused petition of Kashmiri Pandit Murder- migration नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में कश्मीरी पंडितो के पलायन और हत्याओं को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था, सरकार द्वारा अधिकारिक रूप से ये जांच करवाऐ कि, कितने कश्मीरी पंडितो ने आतंकियो के डर से कश्मीर छोड़ा, और कितने कश्मीरी पंडितो को आतंकियों ने मौत के घाट उतारा है। याचिका कर्ता आशुतोष टपलू खुद इस घटना के शिकार हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने याचिका कर्ता से याचिका वापस लेने की बात कही है।
Supreme Court refuses to entertain a plea seeking a probe into Kashmiri Pandit exodus and killings. SC allows petitioner to withdraw the plea and seek appropriate remedy. The plea was filed by Ashutosh Taploo, whose father Tika Lal Taploo was killed by JKLF militant at the time pic.twitter.com/BEEiOBGLBJ
— ANI (@ANI) September 19, 2022
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याचिका कर्ता भी है घटना के शिकार
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले याचिका कर्ता खुद भी हत्या और पलायन के शिकार है। कश्मीर में उनके पिता को आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया था। जिसकी वजह से किसी तरह उन्होने पलायन किया था। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो आशुतोष का सिर्फ यही कहना है कि शासन घाटी में हुई हत्या और पलायन के बारे में जांच कराऐ ताकि उचित कार्रवाई की जा सके ।
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5400 शर्णार्थियों को सरकार दे रही मालिकाना हक
हाल ही जम्मू कश्मीर सरकार ने 5400 लोगो को जम्मू कश्मीर में मालिकाना हक देने जा रही है। हालाकि उन शर्णार्थियों को पाकिस्तान से आऐ 68 साल हो चुके हैं। लेकिन यहां पर भी यह सवाल खड़ा है जो पहले से कश्मीर के निवासी और कास्तकार रह चुके हैं लेकिन, आतंकियो की वजह से पलायन करना पड़ा है। उनके बारे में सुनवाई क्यों नही हो रही है। यह सारे सवाल सुप्रीम कोर्ट की याचिका रद्द करने के बाद उठाए गए हैं।
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