Not Harshad Mehta, Ketan Parekh but they have done India's biggest scam!

हर्षद मेहता, केतन पारेख नहीं बल्कि इन्होंने किया है भारत का सबसे बड़ा स्कैम! CBI ने ठिकानों पर दी दबिश, संपत्ति देख अधिकारियों के उड़े होश

 हर्षद मेहता और केतन पारेख यूं ही बदनाम हैं, देश का सबसे बड़ा स्कैम DHFL ग्रुप के नाम है! जी दरशल 17 बैंकों के समूह को 34615 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में सीबीआई (CBI) का तलाशी अभियान (Search Operation) लगातार जारी है।

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Modified Date: November 29, 2022 / 05:23 PM IST
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Published Date: July 28, 2022 8:26 pm IST

CBI Raids On Bank Fraud Case: हर्षद मेहता और केतन पारेख यूं ही बदनाम हैं, देश का सबसे बड़ा स्कैम DHFL ग्रुप के नाम है! जी दरशल 17 बैंकों के समूह को 34615 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में सीबीआई (CBI) का तलाशी अभियान (Search Operation) लगातार जारी है। इस दौरान तलाशी के दौरान सीबीआई ने लगभग साढ़े 12 करोड़ रुपये की पेंटिंग, घड़ियां, सोने और हीरे के आभूषण बरामद किए हैं।

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सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक इसके पहले भी इस मामले में मारे गए छापों के दौरान करोड़ों रुपये की पेंटिंग, मूर्तियां बरामद हुए थे। इस बार तलाशी के दौरान सीबीआई को 5 करोड़ 50 लाख रुपये की 2 पेंटिंग बरामद हुई हैं। यह पेंटिंग्स साल 1964 में एस एन सूजा और 1956 में एस एच राजा द्वारा बनाई गई थी।

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कितनी कीमत की थी घड़ियां
इसके अलावा 5 करोड़ रुपये मूल्य की जैकब एंड को और फ्रैंक मूलर जिनेव द्वारा निर्मित दो घड़ियां और 2 करोड़ रुपये के लगभग मूल्य की चूड़ियां और हार सहित सोने और हीरे के आभूषण बरामद हुए हैं। सीबीआई का मानना है कि यह तमाम सामान घोटाले की रकम से खरीदा गया होगा। सीबीआई ने इस मामले की जांच के दौरान मुंबई की डीएचएफएल कंपनी के तत्कालीन सीएमडी और निदेशक को गिरफ्तार किया था। जो वर्तमान में सीबीआई की हिरासत में हैं जहां उनसे पूछताछ चल रही है।

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सीबीआई ने किन धाराओं के तहत दर्ज किया था मुकदमा?
सीबीआई (CBI) ने इस मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) इंडस्ट्रियल फाइनेंस ब्रांच से प्राप्त शिकायत के आधार पर मुंबई (Mumbai) स्थित निजी कंपनी उसके तत्कालीन सीएमडी तत्कालीन निदेशक और अन्य जिसमें निजी व्यक्ति निजी कंपनियां अज्ञात लोक सेवक आदि शामिल है के विरुद्ध 20 जून 2022 को विभिन्न आपराधिक धाराओं (Criminal Sections)  के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में आरोप है कि झूठी मुखौटा कंपनियां (Shell Companies) बनाकर बैंकों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया। मामले की जांच जारी है।

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