मुंबई। बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह एक साक्षात्काकर में बड़ा बयान दे दिया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने सरकार की आलोचना तो की है साथ ही ये भी बताया है कि बॉलीवुड के तीनों खान किसी भी मुद्दे पर बोलने से क्यों बचते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने मुसलमान होने का कभी ढिंढोरा नहीं पीटा।
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नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि जब वह छोटे थे तो उनके वालिद नमाज पढ़ने के लिए प्रेरित करते थे, लेकिन कभी उन्होंने जबरदस्ती नहीं की। वह बचपन में नमाज पढ़ते थे। लेकिन जब किसी तरह की कोई परेशानी होती है तो आयते पढ़ लेते हैं।
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नसीरुद्दीन शाह कहते हैं कि भारत में नमाज सबसे ज्यादा पढ़ी जाती है लेकिन समझी नहीं जाती। इस दौरान उन्होंने रत्ना पाठक शाह से शादी और रीति रिवाजों को लेकर भी बात की और बताया कि उनकी रत्ना पाठक से शादी बिना किसी रीति रिवाज के हुई थी।
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उन्होंने कहा है कि जिस तरह से समय के साथ हिंदू धर्म में सती प्रथा को बंद किया गया, वैसे ही इस्लाम में भी समय के साथ मार्डिफिकेशन किया जाना बेहद जरूरी है। इस्लाम में हिजाब का जिक्र नही है। इस्लाम में नजर का पर्दा मायने रखता है। उन्होंने ये भी कहा कि वे कभी नमाज नहीं पढ़ते हैं।