Muslim writer Taslima Nasreen appealed to Amit Shah for help: कोलकता: पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुए महीनों बीत चुके है। उम्मीद जताई जा रही थी की मोहम्मद युसूफ मुहम्मद युसूफ के अंतरिम प्रधानमंत्री बनने पर देश एक बार फिर से शांति की राह पर बढ़ेगा। बांग्लादेश में फिर से अमन चैन और शांति कायम होगी और लोगों का गुस्सा पूर्ववर्ती सरकार के खिलाफ कम होता जाएगा। हालांकि तीन महीने बाद भी ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है।
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आरक्षण को लेकर जुलाई में शुरू हुई हिंसा की आग में बांग्लादेश में कम से कम 500 लोगों की मौत हो चुकी है। तख्तापलट के बाद बांग्लादेश के कट्टरपंथी हावी होने लगे और वहां रह रहे अल्पसंख्यकों पर कई जुल्म ढाये। बड़े पैमाने पर हिन्दूओं ने देश से पलायन किया और भारत वापस लौट आएं। आलम यह हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अब भी भारत में रह रही हैं। उन्हें भी जान की धमकी मिल चुकी ह। इसी तरह की धमकी बांग्लादेश के मशहूर और स्टार क्रिकेटर शाकिब अल हसन को भी दी गई है। इस तरह पड़ोसी देश में असहमति के आवाजों को दबाया जा रहा है।
बहरहाल हम बात करे रहे हैं मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन की। तस्लीमा नसरीन अपने बेबाक लेखन और विचारों की वजह से अक्सर कट्टरपंथियों के निशाने पर रहती है। खुद के ऊपर मंडराते खतरे को देखते हुए उन्होंने सालों पहले ही भारत में शरण ले ली थी। इसी बीच उन्होंने देश के गृहमंत्री अमित शाह से गुहार लगाई हैं।
क्या लिखा है तस्लीमा ने?
दरअसल तस्लीमा नसरीन ने एक एक्स पोस्ट अपर अमित शाह से मदद की गुहार लगते हुए लिखा है कि, ‘सम्माननीय अमितशाह जी नमस्कार। मैं भारत में रहती हूं क्योंकि मैं इस महान देश से प्यार करती हूं। पिछले 20 वर्षों से यह मेरा दूसरा घर रहा है। लेकिन गृह मंत्रालय 22 जुलाई से मेरे निवास परमिट का विस्तार नहीं कर रहा है। मैं बहुत परेशान हूँ।
.@AmitShah Dear AmitShahji 🙏Namaskar. I live in India because I love this great country. It has been my 2nd home for the last 20yrs. But MHA has not been extending my residence permit since July22. I’m so worried.I would be so grateful to you if you let me stay. Warm regards.🙏
— taslima nasreen (@taslimanasreen) October 21, 2024
तसलीमा नसरीन बांग्लादेश की जानी-मानी लेखिका हैं, वे अब तक कई किताबें लिख चुकी हैं। वे कविताएं भी लिखती हैं और उनकी एक नॉवेल ‘लज्जा’ पर भारत में फिल्म भी बन चुकी है। इस फिल्म के बाद उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया था। इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ लिखने और बयानबाजी की वजह से वे मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर रहती हैं। बांग्लादेश मुस्लिम देश है इसी वजह से उन्हें वहां से निर्वासित होकर भारत में शरण लेना पड़ी। हालांकि वे स्वीडन की नागरिक हैं। लेकिन वे बार-बार अपना वीजा बढ़वाकर भारत में ही रहती हैं। वे साल 2004 से भारत में रह रही हैं। तसलीमा पेशे से एक डॉक्टर रही हैं, लेकिन बाद में वे लेखिका बन गई।