'मैं Gwalior हूं.. बेबस हूं'...अपने हालात पर आंसू बहाता शहर, सड़कों का हाल बेहाल, उठ रहे कई सवाल |Gwalior City People Suffer Due to Shabby Road

‘मैं Gwalior हूं.. बेबस हूं’…अपने हालात पर आंसू बहाता शहर, सड़कों का हाल बेहाल, उठ रहे कई सवाल

'मैं Gwalior हूं.. बेबस हूं'...अपने हालात पर आंसू बहाता शहर! Gwalior City People Suffer Due to Shabby Road

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 PM IST
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Published Date: August 2, 2021 11:21 pm IST

ग्वालियर: मध्यप्रदेश का ग्वालियर जिला हमेंशा से इतिहास और राजनीति का केंद्र रहा है, यहां के कई बड़े दिग्गज नेताओं ने देश का प्रतिनिधित्व किया। ये सिलसिला आज भी लगातार जारी है लेकिन फिर भी ग्वालियर के सारे सपने सच नहीं हो सके। हालात ये हैं कि ये शहर सड़क, पानी जैसी बेसिक जरुरतों के लिए जूझ रहा है। आज अपने हालांत पर आंसू बहा रहा है।।

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ग्वालियर किसी पहचान का मोहताज नहीं। इतिहास के पन्नों में शहर के निशां मिलते हैं। रियासत काल में भी ग्वालियर को हर तरह का सम्मान मिला, लेकिन उजड़ी सड़कें हालात को बयां कर रही है। ग्वालियर सत्ता की चाबी कहा जाता है, मगर ऐसी चाबी का क्या करें जब अपनी ही किस्मत के तालें न खुल पाएं। क्या नहीं दिया, दो केंद्रीय मंत्री तो 2 दो राज्य मंत्री दिए, मगर बदले में क्या मिला ये उधड़ी सड़कें जो शहर की पहचान पर धब्बा जैसा है। सुना है 187 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 48 महीने का लक्ष्य रखा है, जो ग्वालियर की सुंदरता में चार चांद लगाएगी। लेकिन अब बिल्कुल भी भरोसा नहीं है, क्योंकि पश्चिमी बायपास का ही काम पांच साल से अटका हुआ है। सिर्फ सियासत हो रही है।

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ग्वालियर को नए जमाने के हिसाब से संवारने प्लान बन रहा है। शहर के पूर्व और दक्षिण बायपास कंपलीट है। अगर पश्चिमी बायपास भी बन गया तो मेरे चारों तरफ रिंग रोड तैयार हो जाएगा, मगर लोगों को रोजगार और विकास की तस्वीर तभी दिखेगी जब राष्ट्रीय राजमार्ग से लिंक रोड जुड़ेंगे। लेकिन फिलहाल ऐसी संभावना नजर नहीं आ रही है।

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AB रोड से तिली फैक्ट्री तक 1.7 किमी पर अभी 70 फीसदी काम हुआ है। रायरू से नयागांव तक 28.85 किमी 60 प्रतिशत काम हो चुका है। गोल पहाड़िया से गुप्तेश्वर मंदिर तक 9.2 किमी में 20 प्रतिशत काम हुआ है। सागरताल बावड़ी से आनंद नगर तक 2.4 किमी में 10 प्रतिशत काम हुआ है। मोतीझील से कमलाराजा युवराज मार्ग 2 किमी में 10 प्रतिशत काम हुआ है। जेल चौराहे से बहोड़ापुर चौराहा तक 2 किमी में 5 प्रतिशत काम हुआ है। सागरताल बावड़ी से जलालपुर चौराहा तक 2.5 किमी में 5 प्रतिशत काम हुआ है। अटल द्वार से बहोड़ापुर चौराहे तक 6.4 किमी फोर लेन में 5 प्रतिशत काम हुआ है।

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अब आप ही बताइए मैं कैसे भरोसा किया जाए कि जल्द ही उधड़ी सड़कें चमचमा जाएंगी। आम जनता से लेकर विपक्ष तक सोशल मीडिया पर कैंपन चला रहे हैं, लेकिन शहर की हालत कब सुधरेगी ये नहीं कहा जा सकता। क्योंकि दशकों से मैं सियासत का शोर सुनते आ रहे हैं और सियासतदारों के लिए ग्वालियर सिर्फ सत्ता की चाबी रहा है।

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