Farmers are demanding compensation due to hailstorm: अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के जिले अंबिकापुर में पिछले कुछ दिनों से पश्चिमी विक्षोभ के कारण बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवा ने प्रदेश के कुछ हिस्सों में खाद्यान्न और बागवानी फसलों दोनों को प्रभावित किया है। जानकारी के मुताबिक ‘‘पहले बेमौसम बारिश से नुकसान नहीं हुआ, लेकिन बाद में बारिश और ओलावृष्टि ने आम की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया है। खेतों में तरबूज, गेहूं, मक्के, समेत सब्जी को नुकसान हुआ है। वहीं गेहूं की फसल काली पड़ी हुई है। किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने नुकसान के आकलन के निर्देश दिया है।
सरगुजा में हुए ओलावृष्टि के कारण खेतों में पक कर तैयार गेहूं की फसल काली पड़ गई है। तैयार हो चुके तरबूज ओला वृष्टि के कारण खराब हो गए हैं तो सब्जियों की खेती भी पूरी तरीके से प्रभावित हो गई है। ऐसे में ओले ने जहां किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है तो वहीं किसान अब मुआवजे की आस लगाए बैठे हैं। इधर प्रशासन इस मामले को लेकर नजरी आकलन करने के साथ ही जल्द से जल्द किसानों को राहत देने की बात कह रहा है।
ओलावृष्टि से पहले गेहूं की फसल लह लहा रही थी और इसके दाने भी सोने की तरह चमक रहे थे लेकिन ओलावृष्टि के बाद जहां गेहूं की फसल के ज्यादातर दाने झड़ चुके हैं। तो वही बचे हुए दानों में काला रंग चढ़ चुका है। ओलावृष्टि से सिर्फ गेहूं की फसल बर्बाद हुई हो ऐसा नहीं बल्कि ज्यादातर खेती को ओलावृष्टि ने प्रभावित किया है।
Farmers are demanding compensation due to hailstorm: दरअसल सरगुजा में बिगड़े मौसम के कारण अलग-अलग इलाकों में जमकर ओलावृष्टि हुई है जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव किसानों को पड़ा है। तरबूज की फसल सरगुजा के कई किसान कई एकड़ में करते हैं। तरबूज की फसल पर ओलावृष्टि का ऐसा प्रभाव पड़ा कि कई एक और तरबूज अब शायद ही बाजार तक पहुंच पाए क्योंकि यह अब खराब होने लगे हैं। इसी तरह मक्का, टमाटर, खीरा, करेला जैसे फसलों को भी ओलावृष्टि ने बुरी तरीके से प्रभावित किया है। ऐसे में अब किसान इससे चिंतित नजर आ रहे हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
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सरगुजा के मैनपाट, उदयपुर, लखनपुर बतौली के कुछ क्षेत्र दरिमा अजीरमा, चठिरमा जैसे एक दर्जन से ज्यादा गांव ऐसे हैं। जहां ओलावृष्टि ने जमकर कहर बरपाया है यही कारण है कि कलेक्टर खुद मान रहे हैं कि ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हुई है। ऐसे में कलेक्टर ने नजरी आकलन के साथ-साथ सभी राजस्व और कृषि विभाग के अमले को नुकसान के आकलन के साथ ही 15 दिनों के भीतर किसानों को मुआवजा देने के निर्देश जारी किए हैं।
बहरहाल भी मौसम की मार और ओलावृष्टि ने किसानों को ऐसा दर्द दिया है जिसे शायद ही वह सहन कर पाए सरगुजा के अलग-अलग इलाकों में धान के साथ गेहूं सब्जी और अन्य फसलें भी ली जाती हैं जिन पर ओलावृष्टि का बुरा प्रभाव पड़ा है ऐसे में देखना होगा कि किसानों के इस दर्द पर प्रशासन का मुआवजे का मल हम कितना काम करता है।