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» Will the demand for 'district' become an electoral challenge for the MLA or will the government's work sail through?
Chunavi Choupal in Katghora Assembly: क्या ‘जिले’ की मांग बनेगी विधायक के लिए चुनावी चुनौती या सरकार के कामकाज से होगी नैय्या पार?
Edited By :
satya prakashModified Date:
February 25, 2023 / 08:00 PM IST,
Published Date :
February 25, 2023/7:53 pm IST
Chunavi Choupal in Katghora Assembly: छत्तीसगढ़ के सबसे पुराने तहसील के तौर पर पहचाने जाने वाले कटघोरा विधानसभा में इस बार हालात काफी बदल चुके है। क्षेत्र के वकील, पत्रकार और आम नागरिक ‘जिले’ जैसी बड़ी मांग को लेकर लामबंद हैं। स्थानीय मतदाता क्षेत्रीय विधायक पुरषोत्तम कंवर और भूपेश सरकार को उनका वादा याद दिला रहे हैं। धरना, रैली, पदयात्रा के माध्यम से आवाजे उठाई जा रही हैं और इस तरह समूचा कटघोरा अपने एकसूत्रीय ‘जिले’ की मांग के साथ खड़ा है। स्थानीय मतदाता इसे खुद के साथ आने वाले 2023 विधानसभा चुनाव के लिए सबसे बड़ा और सबसे प्रमुख मुद्दा मानता हैं।
मतदाताओं और क्षेत्रवासियों के इस मांग को हवा देने में विपक्ष भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। वह भी खुद को जनता के साथ होने की बात कह रही हैं, सरकार बदलने पर जिले का दर्जा देने का दावा कर रही हैं। लेकिन इन दावों और वादों से कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के वोटर कितने प्रभावित होंगे? क्या यह मांग यहाँ के विधायक के लिए गले की फांस बनेगी या फिर दूसरे चुनावी मुद्दे इस मांग पर हावी होंगे? जन के मन को जानने के लिए हमने चुनावी चौपाल में सीधे बात की कटघोरा विधानसभा के लोगों से।
Chunavi Choupal in Katghora Assembly: लगभग 2 लाख 57 हजार की जनसँख्या वाला विधानसभा क्रमांक क्षेत्र 22 कटघोरा वैसे तो हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि गैर आरक्षित इस सामान्य सीट से अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व करने वाले वयोवृद्ध नेता बोधराम कंवर यहाँ से लगातार बार सात बार विधानसभा चुनाव जीतने का अनोखा रिकार्ड अपने नाम कर चुके हैं। लेकिन 2013 के विधानसभा में कांग्रेस के इस किले को भाजपा के लखनलाल देवांगन ने ढहा दिया नतीजतन उन्हें सरकार में संसदीय सचिव के पद से नवाजा। लेकिन इस किले पर भाजपा की बादशाहत 2018 तक ही कायम रही।
पिछली बार के चुनाव में कांग्रेस ने जोरदार वापसी की और पूर्व विधायक बोधराम कंवर के पुत्र पुरषोत्तम कंवर ने तक़रीबन 11 हजार से ज्यादा वोटो से लखनलाल को मात देकर कटघोरा विधानसभा में कांग्रेस की शानदार वापसी कराई. पुरषोत्तम कंवर को सीएम भूपेश बघेल ने मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी. लेकिन इस बार हालात काफी जुदा हैं। मतदाता मौन है, अपने मौके की तलाश में हैं।
Chunavi Choupal in Katghora Assembly: जनता का रुख स्थानीय विधायक को लेकर भी ज्यादा सकारात्मक नहीं हैं। एक वर्ग मानता हैं कि विधायक पुरषोत्तम कँवर पिता बोधराम के सियासी विरासत को उस बुलंदी पर नहीं ले जा पाए जिसकी उम्मीद थी। उनपर आरोप हैं कि वह ग्रामीण क्षेत्र की जनता से कट चुके हैं। वह सिर्फ शहरो के दौरों तक ही सिमट चुके हैं, तो वही एक वर्ग उनके कामकाज से संतुष्ट नजर आता हैं।
मुस्लिम समाज के लिए बड़ा अनुदान और उद्यान के जीर्णोध्दार के लिए उनकी पहल उल्लेखनीय हैं। बहरहाल यह तो थी विधायक के काम और जनता की राय से जुडी बातें। अब हम नजर डाल लेते हैं कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के अबतक के चुनावी इतिहास और उनके नतीजों पर..