Alert in the state regarding lumpy virus : भोपाल- राजस्थान और गुजरात में लंपी वायरल का प्रकोप अपनी चरम सीमा पर हैं। इससे अभी तक हजारों पशुओं की मौत हो गई है। इसी को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने भी इसके लिए एहतियातन अलर्ट जारी कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के संबंध में पशुपालन विभाग के संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि गाइडलाइन के अनुसार रोग की पहचान एवं नियंत्रण के लिए सजग रहें। कहीं भी लक्षण दिखाई देने पर नमूने एकत्रित कर राज्य पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला भोपाल को भेजें। पशुपालन एवं डेयरी विभाग के संचालक डॉ. आरके मेहिया ने डिवीजनल एवं जिला अधिकारियों को गुजरात और राजस्थान से लगे हुए जिलों के बॉर्डर पर पशुओं के आवागमन पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जानवरों को बीमारी से बचाने के लिए गोट पॉक्स वैक्सीनेशन करें। पर्याप्त मात्रा में औषधि भंडार रखें। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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Alert in the state regarding lumpy virus : संचालक पशुपालन एवं डेयरी डॉ. आर.के. मेहिया ने सभी विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों को लंपी चर्म रोग के विरूद्ध अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संयुक्त संचालक, उप संचालक, संभागीय एवं जिला लैब प्रभारी से पशुओं के स्वास्थ्य की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों में व्यापक रूप से फैली इस बीमारी के लक्षण रतलाम जिले के पशुओं में देखने को मिले हैं। उन्होंने विभागीय अमले को लंपी के प्रति सतर्क रहने और केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बीमारी के प्रति पूरी सावधानी रखी जाए और उपचार की व्यवस्थाएँ भी सुनिश्चित करें। वीसी में बैंगलुरू के डॉ. मंजूनाथ रेड्डी संचालक निवेदी ने भी वर्चुअल बैठक में शामिल होकर बीमारी के लक्षण, सावधानी एवं उपचार की जानकारी दी।
Alert in the state regarding lumpy virus : लंपी स्किन डिजीज पशुओं की वायरल बीमारी है, जो पॉक्स वायरस से मच्छर, मक्खी, टिक्स आदि से एक पशु से दूसरे पशु में फैलती है। शुरूआत में दो-तीन दिन के लिए हल्का बुखार रहता है। इसके बाद पूरे शरीर की चमड़ी में 2-3 सेंटीमीटर की गाठें निकल आती हैं। ये गाठें गोल उभरी हुई होती हैं। जो चमड़ी के साथ मांसपेशियों की गहराई तक जाती हैं। गांठें मुंह, गले एवं श्वांस नली तक फैल जाती हैं। इसकी वजह से पैरों में सूजन, दूध उत्पादन में कमी, गर्भपात और कभी-कभी पशु की मृत्यु भी हो जाती है।