बिहार : मंगलवार को पूरे देश की चर्चा में रहे प्रोफेसर ललन कुमार ने भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुल सचिव को एक पत्र लिखा है। जिसमें वो अपने द्वारा किए गए लिखित और मौखिक वक्तव्यो के लिए माफी मांगी है। प्रोफेसर के पत्र में साफ लिखा गया है कि, 23 लाख का चेक देने के बाद कुछ वरिष्ठ अधिकारी के साथ हुई चर्चा में समझ आया कि महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के कुछ नियम होते है। जिनके तहत कोई काम किया जाता है । मुझे एसा नही करना चाहिए था।
पत्र में क्या कहा गया है?
भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुल सचिव को पत्र लिखते हुए प्रोफेसर ललन कुमार ने कहा कि, वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद मुझे बोध हुआ कि मुझसे गलती हुई है। महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के कुछ नियम होते है। जिनके तहत कोई काम किया जाता है । मुझे एसा नही करना चाहिए था। मेरे द्वारा दिए गए सभी वक्तव्यो को मैं पूरी खुशी पूर्ण वापस लेता हूं । मैं कोशिस करुंगा कि आगे एसा कोई भी भावात्मक कदम ना उठाया जाय।
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पूरा मामला क्या है?
ललन कुमार बाबा साहब भीमराव आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी के नीतीश्वर सिंह कॉलेज में कार्यरत हैं। प्रोफेसर एमए के छात्रों को पढ़ाना चाहते हैं। लेकिन छात्र आते ही नहीं, उनकी पढ़ाई बेकार जा रही है। असिस्टेंट प्रोफेसर ललन कुमार ने छात्र नहीं आने को लेकर मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुल सचिव को आवेदन के साथ-साथ दो साल 9 महीने के वेतन की राशि करीब 23 लाख का चेक दिया था। जिसकी काफी चर्चा हो रही थी। उन्होंने कुल सचिव और प्राचार्य को लिखित आवेदन दिया है। जिसमें स्पष्ट लिखा है कि 6 बार आवेदन दिया था, लेकिन अब तक उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई, इसलिए दुखी था।
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