Reported By: Avinash Pathak
,प्रयागराज: Kinnar Akhara in Maha Kumbh Mela Prayagraj महाकुंभ शुरू होने में अब सिर्फ 5 दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में अखाड़े में संतो के समागम का सिलसिला और भी तेज हो गया है। महाकुंभ में किन्नर अखाड़े में भी बड़ी संख्या में किन्नर समुदाय के लोग पहुंच रहे हैं। किन्नर अखाड़े का कहना है कि इस बार महाकुंभ में 25 महामण्डलेश्वरों सहित दस हजार से अधिक किन्नर समुदाय के लोग शामिल होंगे। महाकुंभ में सात देशों से भी ट्रांसजेंडर्स पहुंच रहे हैं। अखाड़े की महामंडलेश्वर पवित्रानंद गिरि ने यह भी दावा किया है कि महाकुंभ में उनके अखाड़े में बड़ी संख्या में धर्म से भटके हुए लोग पुनः सनातन धर्म में प्रवेश करेंगे। पूरे विधि विधान से उनकी वापसी कराई जाएगी।
Kinnar Akhara in Maha Kumbh Mela Prayagraj बता दें कि महाकुंभ के लिए लग रहे अखाड़े में एक अखाड़ा किन्नर अखाड़ा भी है। जूना अखाड़े से संबद्ध इस किन्नर अखाड़े में महाकुंभ के लिए बड़ी संख्या में किन्नर समुदाय के लोग पहुंच रहे हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं जिन्होंने दीक्षा ले ली है, तो कुछ ऐसे हैं जिनकी महाकुंभ के दौरान दीक्षा होगी। अखाड़े की प्रमुख और महामंडलेश्वर पवित्रा नंद गिरी भी उज्जैन से महाकुंभ में शामिल होने पहुंची हुई है।
महाकुंभ में पहुंची किन्नर महामंडलेश्वर पवित्रा नंद गिरी ने IBC24 से बातचीत के दौरान इस बात को लेकर खुशी जाहिर की। उनका कहना है कि महाकुंभ में किन्नर समुदाय को वो सम्मान मिला है जिसके वह हकदार थी। एक समय था जब किन्नरों को देखकर लोग अपने बच्चों को छुपा दिया करते थे, ट्रांसजेंडर को हेय दृष्टि से देखा जाता था। लेकिन अब उन्हें प्रथम पंक्ति में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो मूलभूत चीजें समाज के बच्चों को मिलती हैं वो हमें भी मिलनी चाहिए। किन्नर जो समाज में कहीं गुम हो गए थे आज फिर से अपनी आंगन में लौट कर आए हैं। आज किन्नर समुदाय के लिए अच्छी पॉलिसीज बन रही है जिनके इंप्लीमेंट की जरूरत है। उन्होंने आगे बताया कि 2025 के महाकुंभ में मौजूदा सरकार के प्रयासों से सनातन को नई ऊंचाई नई दिशा मिलेगी। एक नया देश एक नया सनातन बाहर आएगा। पवित्रानंद ने आगे कहा कि मेरा सबसे कठिन समय मेरा बचपन था जब मुझे अपने मां-बाप भाई बहन का प्यार नहीं मिला। अभी अपने शिष्यों में वह खुशियां ढूंढ रही हैं।
किन्नर अखाड़े में महाकुंभ में बड़ी संख्या में दीक्षा का कार्यक्रम भी होगा। बताया जा रहा है कि जम्मू से 22 साल की एक किन्नर खास तौर पर किन्नर अखाड़े में दिक्षा लेने पहुंचीं हैें। उन्होंने बताया कि उनके पैदा होने के बाद से परिवार उन्हें स्वीकार नहीं कर पाया। आखिरकार उन्होंने सनातन की राह पर चलने का संकल्प लिया और वह दीक्षा लेने के लिए यहां पहुंची है। वे कहती हैं कि परिवार ने अनुमति दी नहीं दी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता वे दीक्षा ले रही हैं और इसके बाद पूरा जीवन सनातन को समर्पित रहेगा।
उत्तर: महाकुंभ 2025 में किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े से संबद्ध होकर भाग ले रहा है। इसमें 25 महामण्डलेश्वर और दस हजार से अधिक किन्नर समुदाय के लोग शामिल होंगे।
उत्तर: किन्नर अखाड़े में दीक्षा का महत्व यह है कि यह किन्नर समुदाय के लोगों को सनातन धर्म में पूर्ण रूप से शामिल होने और धर्म के प्रति समर्पित जीवन जीने का अवसर प्रदान करता है।
उत्तर: महाकुंभ में दीक्षा लेने के लिए भारत के विभिन्न राज्यों से किन्नर पहुंच रहे हैं। इसके अलावा, सात देशों के ट्रांसजेंडर्स भी इसमें भाग ले रहे हैं।
उत्तर: महाकुंभ 2025 किन्नर समुदाय के लिए एक बड़ा अवसर है जहां उन्हें समानता और सम्मान मिल रहा है। यह उनके लिए धर्म और समाज में अपनी जगह को मजबूत करने का माध्यम बन रहा है।
उत्तर: महामंडलेश्वर पवित्रानंद गिरि का मानना है कि महाकुंभ 2025 में किन्नर समुदाय को वह सम्मान और स्थान मिला है जिसके वे हकदार थे। वह इसे सनातन धर्म के पुनर्जीवन और एक नई दिशा की ओर ले जाने वाला अवसर मानती हैं।