बरुण सखाजी. राजनीतिक विश्लेषक
मैंने आपको पिछले वीडियो (Youtube.com/Khabarbebak) में बताया था 2026 में होने वाले परिसीमन में छत्तीसगढ़ में 6 लोकसभा सीटें और बढ़ जाएंगी। यानि छत्तीसगढ़ में 11 से बढ़कर 17 लोकसभा सीटें हो जाएंगी। जबकि राज्यसभा की सीटें भी 7 हो जाएंगी। केंद्र में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व 24 हो जाएगा। अब सवाल ये है कि 6 जो बढ़ेंगी वे कौन सी हो सकती हैं। क्या एक सीट में सिर्फ 4-5 विधानसभा सीटें ही आएंगी या कि राज्य की विधानसभा में भी सीटें बढ़ाई जाएंगी। अभी 11 सीटों में 8 विधानसभा सीटों का औसत है। यूपी जैसे बड़े राज्य में यह औसत 5 सीटों का है। यदि विधानसभा सीटें बढ़ाए बिना लोकसभा क्षेत्र बढ़ाए जाते हैं तो कौन सी 6 नई सीटें बन सकती हैं, आइए समझते हैं।
अभी छत्तीसगढ़ में सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर, बिलासपुर, कोरबा, रायपुर, महासमुंद, दुर्ग, राजनांदगांव, कांकेर और बस्तर लोकसभा सीटें हैं। 17 कुल सीट होने की स्थिति में 6 कौन सी सीटें बनेंगी यह समझना कठिन है, लेकिन बड़े शहरों और आबादी क्षेत्रों को देखें तो इनके संभावित नाम खोजे जा सकते हैं।
नामों को लेकर होती है सियासत
आमतौर पर किसी भी एस्टेबिलिशमेंट के नामों को लेकर सियासत होती है। जैसे हाल ही में छत्तीसगढ़ में जो जिले बनाए गए हैं वे बहुत लंबे नाम के हैं, क्योंकि जिला मुख्यालय में एक से अधिक शहरों के नाम शामिल किए गए हैं। ऐसा ही लोकसभा क्षेत्रों के नाम में भी होता है। कई बार प्रत्याशी अपने स्तर पर ही लोकसभा क्षेत्रों के नाम में क्षेत्र में आने वाले बड़े शहर या इलाके का नाम जोड़ लेते हैं। इस हिसाब से देखें तो छत्तीसगढ़ में 6 नई लोकसभा सीटों के नाम को लेकर बहुत माथापच्ची होगी।
पहली सीट बन सकती है कोरिया
सरगुजा और कोरबा लोकसभा क्षेत्रों में अभी 16 विधानसभा सीटें आती हैं। इनकी भौगोलिक संरचना ऐसी है, जिसमें से एक सीट अलग बनाई जा सकती है। जैसे कि कोरबा में सरगुजा संभाग की 3 सीटें आती हैं। यह मनेंद्रगढ़ और कोरिया जिले में पड़ती हैं। एक नई सीट कोरिया बनाई जा सकती है, जिसमें कोरबा की तीन विधानसभा सीटें और सरगुजा की 2 विधानसभा सीटें डाली जा सकती हैं। इसके बाद 16 विधानसभा सीटों में 3 लोकसभा क्षेत्र हो जाएंगे। यानि सरगुजा में 6, कोरोबा में 5 और तीसरी संभावित लोकसभा सीट कोरिया में 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल किए जा सकते हैं।
दूसरी सीट सारंगढ़ हो सकती है बहाल
रायगढ़, जांजगीर लोकसभा क्षेत्रों में अभी 16 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से भी एक सीट बढ़ाई जा सकती है। इसे सारंगढ़ नाम से उकेरा जा सकता है। इसमें रायगढ़ की खरसिया, सारंगढ़, धरमजयगढ़ और जांजगीर की चंद्रपुर और बिलाईगढ़ को लिया जा सकता है। इसके बाद रायगढ़ में 5, जांजगीर में 6 और नई लोकसभा सीट सारंगढ़ में 5 सीटें आ जाएंगी। सारंगढ़ 2008 के परिसीमन से पहले लोकसभा क्षेत्र हुआ करता था, इस लिहाज से देखें तो यह बहाल हो सकता है।
तीसरी सीट कवर्धा के नाम से हो सकती है
बिलासपुर लोकसभा से मुंगेली, लोरमी, कोटा और राजनांदगांव लोकसभा से पंडरिया, कवर्धा सीट निकालकर नई सीट कवर्धा बन सकती है। इसके बाद राजनांदगांव में 6, बिलासपुर में 5 और नई कवर्धा लोकसभा में 5 विधानसभा सीटें आ जाएंगी।
चौथी लोकसभा सीट का नाम होगा धमतरी
मौजूदा महासमुंद लोकसभा से धमतरी, बिंद्रानवागढ़, कुरुद, राजिम और कांकेर से सिहावा निकालकर यहां एक नई सीट धमतरी बनाई जा सकती है। इसमें 5 विधानसभा सीटें आएंगी। जबकि महासमुंद में रायपुर की आरंग देकर इसमें भी 5 सीटें की जा सकती हैं। यानि महासमुंद में 5, धमतरी में 5 विधानसभा सीटें हो जाएंगी।
पांचवां लोकसभा क्षेत्र चंदखुरी, ग्रेटर रायपुर या कौशल्या के नाम पर
रायपुर की भाटापारा, बलौदाबाजार, धरसींवा, बेमेतरा और नवागढ़ मिलाकर एक नई सीट बनाई जा सकती है। यानि ग्रेटर रायपुर या कौशल्या जन्मस्थल लोकसभा या चंदखुरी कौशल्या नगर लोकसभा नाम से 5 सीटों वाली यह सीट बनाई जा सकती है।
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छठवां नारायणपुर एक अलग क्षेत्र बन सकता है
कांकेर की नारायणपुर, डोंडीलोहारा, संजारी और राजनांदगांव की मुहला-मानपुर, खुज्जी मिलाकर एक नई सीट पश्चिम बस्तर में नारायपुर नाम से बनाई जा सकती है।
तब फिर ऐसी उभरेगी तस्वीर
नेता गुंडे बनते हैं या गुंडे नेता
4 weeks ago