कठुआ दुष्कर्म कांड को हिंदू -मुस्लिम में बांटने की साजिश के साइड इफेक्ट सामने आने लगे हैं। विहिप से जुड़े अभिषेक मिश्र नाम के शख्स ने ओला कैब की बुकिंग इसलिए कैंसिल कर दी क्योंकि उसका ड्राइवर मुस्लिम था। अभिषेक ने बुकिंग कैंसिल करने का स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया में ये लिखते हुए डाला कि वो अपने पैसे जेहादियों को नहीं देना चाहता। अभिषेक ने बुकिंग कैंसिल क्या की कुछ लोगों को गंगा-जमुनी तहजीब खतरे में दिखाने लगी है। अभिषेक का ये कदम दरअसल क्रिया की प्रतिक्रिया है, जिसकी पृष्ठभूमि को जानना भी जरूरी है।
दरअसल बेंगलुरू की रेशमी आर नायर नाम की एक मोहतरमा कठुआ दुष्कर्मकांड से इस कदर अपना मानसिक संतुलन खो बैठीं कि उन्हें सारे हिंदू रेपिस्ट नजर आने लगे हैं। मोहतरमा ने बजरंगबली को भी नहीं बख्शा। रेशमी ने ओला और उबेर टैक्सी कंपनियों को संबोधित अपनी फेसबुक पोस्ट में इस तर्क के साथ ‘रुद्र हनुमान’ की तस्वीर लगी टैक्सी की बुकिंग कैंसिल कर देने की बात कही कि वे रेप टेरेरिज्म को बढ़ावा देने और रेपिस्टों का पेट भरने के लिए अपना पैसा नहीं देंगी।
इन मोहतरमा को नहीं पता कि उनकी ये सोच कितना नुकसानदायक साबित हो सकती है। मुस्लिम ड्राइवर के आधार पर बुकिंग कैंसिल होने की मुहिम शुरू हो गई तो खुद सोच लीजिए नुकसान में कौन रहेगा। एक अभिषेक के द्वारा बुकिंग कैंसिल करने पर अभी भले ओला कंपनी बिना धार्मिक भेदभाव के सेवा देने की दुहाई दे रही हो, लेकिन कहीं मुस्लिम ड्राइवर होने पर बुकिंग कैंसिल करने की प्रतिक्रिया मुहिम में बदल गई तो यही ओला मुस्लिम ड्राइवरों को निकालने से नहीं हिचकिचाएगा। वो वाक्या तो याद ही होगा जब आमिर खान को देश में खतरा महसूस होने लगा तो स्नैप डील ने उनके साथ क्या किया था।स्थिति वाकई खतरनाक है। हिंदू-मुस्लिम में तो पहले ही काफी कुछ बंट चुका है। भारत-पाकिस्तान के रूप में देश बंट चुका है, रीति-रिवाज बंट चुके हैं, तीज-त्योहार बंट चुके हैं, यहां तक कि दुष्कर्म भी बंट चुका है। अब अगर रोजी-रोटी भी हिंदू-मुस्लिम के रूप में बांट दी गई तो बताने की जरूरत नहीं कि नुकसान में कौन रहेगा।
सौरभ तिवारी
असिस्टेंट एडिटर, IBC24
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