Opration Rahul: एक नायक, जिसने जीवटता दिखाई, सारे समाज को एकजुट करके खड़ा कर दिया… शाबाश राहुल शाबाश।

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  • Publish Date - June 15, 2022 / 01:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 AM IST

राहुल तुम्हारा दर्द पूरी दुनिया का दर्द बन गया। तुम्हारा संघर्ष दुनिया का संघर्ष बन गया। तुम स्पेशल चाइल्ड होकर भी इतनी जीवटता से डटे रहे, यह कोई आम बात नहीं। राहुल तुम्हे बचाने वालों की मेहनत और सकारात्मकता ने पूरे माहौल में ऊर्जा प्रवाहित की है। तुम्हारी कहानी हमें बहुत कुछ सिखाती है। इस किस्से में जहां एक तरफ सभी सरकारी उपक्रमों का यूनिफाइड हो जाना शामिल है तो वहीं इसमें सामाजिक इकाइयों की सहभागिता भी अहम है। इन सबसे इतर मीडिया का रोल भी सराहा जा सकता है। आम लोगों के बीच सहयोगी रवैया बनाने के लिए जरूरी है ऐसी घटनाओं पर रचनात्मक रिपोर्टिंग।

हम कह सकते हैं कि बाजू से एक गड्ढा खोदिए और एक सुरंग बनाइए और बच्चे को निकाल लाइए। लेकिन यह सिर्फ कहा जा सकता है। जब मैदान में करने उतरते हैं तो पता चलता है कि जिसे कहने में सिर्फ लचीली जुबान कुछ बार ट्विस्ट हुई होती है वह काम वास्तव में है  कितना कठिन। नतीजों की पता हो तो कोई और भी एफर्ट लगाए, लेकिन जब नतीजे पता न हो। जब हमें यह आशंका भी है कि हमारी जरा सी कोई एक्टिविटी बच्चे की जान पर बन सकती है तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।

इस पूरे ऑपरेशन में इसी बात का ख्याल रखा जाना जरूरी था। यही किया गया। कलेक्टर, एसपी, एसडीआरएफ के डारेक्टर, एनडीआरएफ की पूरी टीम, सामाजिक इकाइयां, मीडिया सबने मिलकर इस ऑपरेशन को सफल बनाया। यह कोई आसान काम नहीं होता। सबकी मेहनत के बाद जब राहुल वापस आ गया है तो उस मासूम को देखकर ही लोगों को चैन मिला।

मोरल यह है कि इस घटना ने हमें यह भी सिखाया कि ऐसी मुसीबतों के समय किस तरह से सारे भेद भूलकर लोग डट जाते हैं। अपने वैयक्तिक बैर भुलाकर सब एक हो जाते हैं। यह मानवता है। यही जीवटता है। यही सकारात्मकता है। राहुल की बहादुरी सराहनीय है। राहुल के कारण सब एक हो आए यह और भी सराहनीय है।