सौरभ तिवारी
Congress ‘cheated’ with SP प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी पारी खेलने से रोकने के लिए विपक्षी दलों ने INDIA बना तो लिया है, लेकिन तालमेल बन नहीं पा रहा है। हालांकि गठबंधन भले लोकसभा चुनाव के लिए हुआ है लेकिन तालमेल की पहली अग्निपरीक्षा तो मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और राजस्थान में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में हो रही है। फिलहाल INDIA के घटक दल छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अपनी-अपनी ढपली पर अपना-अपना राग गा रहे हैं। मध्यप्रदेश में समाजवादी पार्टी को कांग्रेस ने जिस तरह से ठेंगा दिखाया है उससे साफ जाहिर है कि तालमेल की राह आगे लोकसभा चुनाव में भी आसान नहीं रहनी है। समाजवादी पार्टी ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस से अपने प्रभाव वाली करीब 10 सीटों पर टिकट की दावेदारी जताई थी। सपा ने फार्मूला ये दिया था कि जिस सीट पर उसका उम्मीदवार जीता है और जिन सीटों पर उसका प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहा उन सीटों पर समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार चुनाव लड़े। इस फार्मूले के तहत सपा की 7 सीटों पर दावेदार बन रही थी। बिजावर सीट उसने जीती थी और 6 सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही थी। लेकिन कांगेस ने झटका देते हुए इनमें से अधिकांश सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। इनमें चार सीटें तो ऐसी हैं जहां समाजवादी पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं। खास बात ये है कि 2018 में जिस बिजावर सीट पर समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार जीता था वहां भी कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है। कांग्रेस के इस कदम से अखिलेश यादव इतने खफा हुए कि उन्होंने भी पहले 7 और फिर बाद में 22 यानी कुल 29 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस के इस कदम को उनके साथ हुई ठगी के समान बताया है। अखिलेश यादव की माने तो कांग्रेस के साथ सीटों की शेयरिंग को लेकर कई दौर की ‘मीटिंग’ के बाद उनके साथ ‘चीटिंग’ कर दी गई। अखिलेश का अंदाज कुछ ऐसा ही है जैसा सिंघम फिल्म में प्रकाश राज पुलिस इंस्पेक्टर बने हीरो अजय देवगन से कहता है कि, ‘चीटिंग करता है तू…।’ अखिलेश ने कांग्रेस की वादाखिलाफी से खफा होते हुए कांग्रेस को चेता दिया है कि जैसा सपा के साथ मध्यप्रदेश में हुआ है वैसा ही कांग्रेस के साथ उत्तरप्रदेश में भी हो सकता है। अखिलेश की इस चेतावनी पर उत्तरपदेश के कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने जैसा तीखा पलटवार किया है, उससे भविष्य के लिए संकेत अच्छे नहीं मिल रहे हैं।
Congress ‘cheated’ with SP सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस ने ऐसा क्यों किया? दरअसल हिमाचल और कर्नाटक की जीत के बाद कांगेस का इस समय कॉन्फिडेंस का लेवल हाई है। समाजवादी पार्टी इसे भले कांग्रेस का ओवरकॉन्फिडेंस बता रही हो लेकिन कांग्रेस को लगता है कि वो मध्यप्रदेश में अपने बलबूते सत्ता में आने वाली है। ऐसे में वो अपनी सीटों का बंटवारा भला क्यों करे? यहां एक बात और समझने की है कि अगर इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का परफारमेंस अच्छा रहा तो वो लोकसभा चुनाव के लिए उत्तरप्रदेश में अपने लिए ज्यादा सीटों की डिमांड करेगी। कांगेस के जैसे तेवर हैं , उससे लगता तो यही है कि कांगेस उत्तरप्रदेश में लोकसभा की कम से कम 20 सीटों पर दावेदारी जताएगी। लेकिन कांग्रेस के पुराने परफारमेंस और फार्मूले के आधार पर समाजवादी पार्टी कांगेस को पांच और अधिक से अधिक दस सीट से ज्यादा देने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। मध्यप्रदेश में सपा के साथ कांगेस की कई दौर की मीटिंग के बाद जैसी चीटिंग हुई है उसके बाद तो अब समाजवादी पार्टी उत्तरप्रदेश में सीटों के बंटवारे के दौरान कांग्रेस को उसकी हैसियत जरूर दिखाएगी।
इधर आम आदमी पार्टी भी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अपनी अलग तलवार भांज रही है। आम आदमी पार्टी ने तो साफ ऐलान कर दिया है कि वो इन प्रदेशों में पूरे दम-खम से चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने अपने कई उम्मीदवार उतार चुकी है। केजरीवाल, भगवंत मान समेत पार्टी के बड़े नेताओं के दौरे जारी हैं। आप ने अपनी ‘गारंटी’ भी यहां के लोगों को दे दी है। चुनावी युद्ध में आम आदमी पार्टी कांग्रेस पर हमला करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रही है तो कांगेस भी पलटवार करने में कोई संकोच नहीं कर रही।
तो कुल मिलाकर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के बीच INDIA गठबंधन के दलों के बीच तकरार का जैसा ट्रेलर दिख रहा है उससे लोकसभा चुनाव की फिल्म का अंदाजा लगाया जा सकता है। भले मोदी विरोधी दलों ने लोकसभा चुनाव साथ में लड़ने के लिए INDIA बनाया है लेकिन जैसे हालात विधानसभा चुनाव के दौरान मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नजर आ रहे हैं उससे तय है कि INDIA गठबंधन के लिए लोकसभा चुनाव के दौरान सीट शेयरिंग का मुद्दा बड़ी फसाद की वजह बनने वाला है।
– लेखक IBC24 में डिप्टी एडिटर हैं।