महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बिहार सरकार को 11 और ओसीसी खोलने की अनुमति दी |

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बिहार सरकार को 11 और ओसीसी खोलने की अनुमति दी

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बिहार सरकार को 11 और ओसीसी खोलने की अनुमति दी

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Modified Date: December 2, 2024 / 04:34 PM IST
Published Date: December 2, 2024 4:34 pm IST

पटना, दो दिसंबर (भाषा) केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने बिहार सरकार को राज्य में 11 और ‘वन स्टॉप सेंटर’ (ओएससी) खोलने की अनुमति दे दी है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

ओएससी एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 2015 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया गया था। निजी और सार्वजनिक दोनों जगहों पर उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं को एक ही छत के नीचे सहायता और सहयोग प्रदान के उद्देश्य से इसे शुरू किया गया था।

अधिकारी ने बताया कि बिहार सरकार के महिला एवं बाल विकास निगम (डब्ल्यूसीडीसी) को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से राज्य में 11 और वन स्टॉप सेंटर खोलने के संबंध में कुछ दिन पहले स्वीकृति पत्र प्राप्त हुआ है।

समाज कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं डब्ल्यूसीडीसी की अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक हरजोत कौर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हमें राज्य में 11 और वन स्टॉप सेंटर केंद्र स्थापित करने की अनुमति दी है। राज्य के सभी जिलों में पहले से ही 39 वन स्टॉप सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। पटना में दो सेंटर हैं। 11 नए स्वीकृत केंद्र जल्द ही राज्य में काम करना शुरू कर देंगे।’’

उन्होंने कहा कि ये सेंटर मुजफ्फरपुर, गया, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, रोहतास, मधुबनी, कैमूर, औरंगाबाद और जमुई जिलों में खोले जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इन 11 जिलों में पहले से ही एक-एक सेंटर संचालित किया जा रहा है। ऐसे में ये सेंटर अतिरिक्त होंगे।’’

हरजोत ने कहा, ‘‘वन स्टॉप सेंटर योजना का उद्देश्य उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं को सहायता प्रदान करना है। ये सेंटर महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह के अत्याचार से लड़ने के लिए एक ही छत के नीचे कानूनी, चिकित्सा, सलाहकार और मनोवैज्ञानिक सहायता सहित बड़ी संख्या में सेवाओं तक त्वरित पहुंच की सुविधा प्रदान करते हैं। सेंटर में यौन शोषण, यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, शील भंग करने से जुड़े अपराध, मानव तस्करी का शिकार होने वाली महिलाओं को विशेष सेवाएं प्रदान की जाती हैं।’’

राज्य सरकार द्वारा कुछ माह पहले जारी बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (2023-24) के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित दर्ज और निपटाए गए मामलों की संख्या 2022-23 में पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ी है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसका श्रेय सरकार की वन स्टॉप सेंटर योजना द्वारा प्रदान की गई जागरुकता और एकीकृत सहायता को दिया जा सकता है, क्योंकि अब कई मामलों में महिलाएं अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराने के लिए पहुंचने लगी हैं।’’

महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित दर्ज कुल 8,002 मामलों में से 2022-23 में 6,952 मामलों का निपटारा किया गया।

भाषा खारी रंजन

रंजन

 

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