पटना, 30 मार्च (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव में अब जबकि कुछ ही महीने बचे हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आश्वासन दिया कि वह ‘फिर कभी’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ नहीं छोड़ेंगे, जबकि वह ‘दो बार गलती से’ ऐसा कर चुके हैं।
जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष ने यह बात पटना में आयोजित एक समारोह के दौरान कही। इस कार्यक्रम में शाह और उन्होंने केंद्र और राज्य की कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
उन्होंने शनिवार देर रात कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘‘बिहार में हमारी जीत का असर दूर-दूर तक होगा।’’
शाह ने हाल में एक समाचार चैनल से बातचीत में यह कहने से परहेज किया था कि नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
हालांकि, पटना में आयोजित कार्यक्रम के दौरान शाह कुमार के साथ गर्मजोशी से मिले।
नीतीश कुमार ने कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘इससे पहले सत्ता में रहने वाले (राजद-कांग्रेस गठबंधन) क्या करते थे। वे मुसलमानों के वोट लेते थे, लेकिन समुदायों के बीच झगड़े को कभी रोक नहीं पाए।’’
उन्होंने राज्य में जदयू-भाजपा गठबंधन के सत्ता में आने को याद करते हुए कहा, ‘‘बिहार में नाम मात्र भी स्वास्थ्य सेवा नहीं थी। अच्छी शैक्षणिक सुविधाएं नहीं थीं। हम नवंबर, 2005 में सत्ता में आए और चीजें सुधरने लगीं।’’
वर्ष 1990 के दशक के मध्य से भाजपा के सहयोगी रहे कुमार 2014 में राजग से अलग हो गए थे, लेकिन तीन साल बाद फिर से साथ हो गए।
उन्होंने 2022 में फिर से अपने रास्ते अलग कर लिए और भाजपा को केंद्र की सत्ता से हटाने और देश भर की पार्टियों को एक साथ लाकर ‘इंडिया’ गठबंधन बनाने और उसे मजबूत करने की दिशा में सक्रिय हो गए। हालांकि, पिछले साल के लोकसभा चुनाव से पहले, जद(यू) के सुप्रीमो ने एक बार फिर अपना रुख बदला और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापस आ गए।
अपने भाषण में, कुमार ने भाजपा से अपने अलगाव के लिए ‘‘अपनी ही पार्टी के कुछ लोगों’’ को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन जोर देकर कहा कि ‘‘मैंने दो बार गलती की। लेकिन ऐसा फिर कभी नहीं होगा।’’
भाषा
अनवर, रवि कांत
रवि कांत
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