(तस्वीरों के साथ)
पटना, 27 नवंबर (भाषा) बिहार विधानसभा में विपक्षी सदस्य बुधवार को आसन के समक्ष आ गए और केंद्र से वक्फ संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मुद्दे पर रुख स्पष्ट करने को कहा।
विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने यह उल्लेख करते हुए कि इस मुद्दे पर फैसला राज्य स्तर पर नहीं किया जा सकता, विपक्षी सदस्यों से अपनी सीट पर वापस लौटने का आग्रह किया।
विपक्षी सदस्यों के हंगामा जारी रखने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
बाद में, सदन परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि वह इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे सदस्यों के साथ हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता ने आरोप लगाया, ‘‘हमने संसद के अंदर और सड़कों पर भी इस विधेयक का विरोध किया है। इस विधेयक का उद्देश्य हिंदू-मुस्लिम विभाजन पैदा करना है, यह हमारी सांस्कृतिक विविधता के लिए हानिकारक होगा और यह असंवैधानिक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ विधेयक को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी सहयोगी दल एकजुट हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं और स्वयं के गांधी जी का अनुयायी होने का दावा करते हैं, लेकिन दिल में गोडसे को बसाकर रखते हैं। यह सच्चाई है।’’
तेजस्वी ने आरोप कहा, ‘‘मुख्यमंत्री की पार्टी जद (यू) से संबद्ध केंद्रीय मंत्रियों ने संसद के अंदर इस विधेयक का बेबाकी से बचाव किया है। हमारा मानना है कि जद (यू) प्रमुख की स्वीकृति के बिना मंत्री ऐसा नहीं कर सकते। हालांकि, नीतीश कुमार के पास अपने पापों का प्रायश्चित करने का अवसर है। उन्हें अब इसके खिलाफ बोलना चाहिए और सदन के अंदर बयान देने से बेहतर कोई तरीका नहीं है।’’
इससे पूर्व राजद के कई विधायकों ने आंखों पर पट्टी बांधकर और हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया तथा मुख्यमंत्री पर प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर उदासीनता बरतने का आरोप लगाया।
आंखों पर पट्टी बांधकर सदन परिसर पहुंचे राजद विधायक मुकेश रौशन ने पत्रकारों से बातचीत में व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘‘मेरा नाम नीतीश कुमार है और मैं कुछ नहीं देख सकता। मैं बिहार में अपराध होते नहीं देख सकता और न ही ‘प्रीपेड’ मीटर से बिजली उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानी मुझे दिखाई देती है।’’
वहीं, तेजस्वी ने कहा, ‘‘मैं राजनीतिक रूप से नीतीश कुमार का विरोध कर सकता हूं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैंने हमेशा उनका सम्मान किया है और आगे भी करता रहूंगा। कुछ अवसरों पर वह इशारों के माध्यम से संवाद करना पसंद करते हैं और मैं उसी तरह से जवाब देता हूं। जो लोग समझने में सक्षम हैं, वे समझते हैं।’’
भाषा अनवर नेत्रपाल
नेत्रपाल
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