पटना, 25 मार्च (भाषा) बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्यों ने वंचित जातियों के लिए 65 प्रतिशत कोटा बहाल करने में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की कथित अक्षमता के विरोध में मंगलवार को विधानसभा के अंदर फर्नीचर पलटने की कोशिश की।
राज्य में मुख्य विपक्षी राजद के अधिकांश विधायक हरे रंग की टी-शर्ट पहनकर और बिल्ला लगाकर विधानसभा पहुंचे थे।
हरा रंग राजद का प्रतीक है।
प्रदर्शनकारी राजद विधायकों ने हाथों में पोस्टर और तख्तियां ली हुईं थीं, जिनपर सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए ‘आरक्षण खोर, आरक्षण चोर’ जैसा नारा लिखा हुआ था।
प्रश्नकाल शांतिपूर्ण तरीके से चला, लेकिन शून्यकाल के दौरान उस समय हंगामा शुरू हो गया, जब राजद के अख्तरुल इस्लाम शाहीन उठे और कोटा में बढ़ोतरी के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पढ़ा।
कोटा में बढ़ोतरी को 2023 में लागू किया गया था, लेकिन पटना उच्च न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया था।
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ने कोटा बढ़ाया है और सरकार ने ही सबसे पहले जाति सर्वेक्षण का आदेश दिया था, जिससे 1931 की जाति जनगणना के बाद पिछड़े वर्गों, दलितों और आदिवासियों की आबादी में वृद्धि सामने आई।
चौधरी ने यह भी बताया कि जिन कानूनों के तहत कोटा बढ़ाया गया था, उन्हें ‘पटना उच्च न्यायालय ने अमान्य घोषित कर दिया है’ और जब तक उच्चतम न्यायालय इस मामले में अपना फैसला नहीं सुना देता, तब तक सरकार कोई नया कदम नहीं उठा सकती।
चौधरी के बयान से विपक्षी सदस्य भड़क गए और उनमें से कई विधायक सदन के बीचोबीच आकर नया विधेयक लाने और पारित होने के बाद उसे न्यायिक समीक्षा से संरक्षित रखने की मांग करने लगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आरक्षण कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए केंद्र में अपनी ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए।
नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) भाजपा की एक प्रमुख सहयोगी है।
विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने विपक्षी सदस्यों से अपनी सीट पर वापस जाने का आग्रह किया और जब उनमें से कुछ सदस्यों ने रिपोर्टिंग कर्मचारियों के लिए रखी कुर्सियों और मेज को पलटने की कोशिश की तो वह (अध्यक्ष) भड़क गए।
यादव ने दोपहर के भोजनावकाश से करीब 30 मिनट पहले कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी और चेतावनी दी कि सीसीटीवी फुटेज में पहचाने गए उपद्रवी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
भाषा जितेंद्र सुरेश
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