बीपीएससी परीक्षा की परीक्षा रद्द करने का सवाल ही नहीं उठता: बीपीएससी अध्यक्ष

बीपीएससी परीक्षा की परीक्षा रद्द करने का सवाल ही नहीं उठता: बीपीएससी अध्यक्ष

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  • Publish Date - December 24, 2024 / 06:56 PM IST,
    Updated On - December 24, 2024 / 06:56 PM IST

पटना, 24 दिसंबर (भाषा) बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने इस महीने की शुरुआत में हुई 70वीं एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) 2024 को रद्द करने से मंगलवार को इनकार कर दिया। परीक्षा प्रश्नपत्र लीक के आरोपों को लेकर विवादों में है।

हालांकि, मनुभाई ने यह स्पष्ट किया कि बीपीएससी उन उम्मीदवारों की पुनः परीक्षा कराने जा रहा है, जिन्हें 13 दिसंबर को बापू परीक्षा परिसर केंद्र आवंटित किया गया था और कहा कि पुनः परीक्षा चार जनवरी 2025 को आयोजित की जाएगी।

बीपीएससी ने हाल में पटना के कुम्हरार इलाके में स्थित बापू परीक्षा केंद्र में आयोजित सीसीई की प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर दी थी, जहां 13 दिसंबर को उम्मीदवारों द्वारा किए गए हंगामे के बाद ड्यूटी पर मौजूद एक अधिकारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।

बीपीएससी के अध्यक्ष मनुभाई ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, “13 दिसंबर को आयोजित पूरी बीपीएससी परीक्षा रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं है। बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर केंद्र पर आयोजित प्रारंभिक परीक्षा को केवल इसलिए रद्द करने का फैसला किया क्योंकि परीक्षा को बाधित करने की साजिश के तहत कुछ उपद्रवी उम्मीदवारों ने व्यवधान उत्पन्न किया था। पुनर्परीक्षा चार जनवरी को शहर के किसी अन्य केंद्र पर होगी।”

उन्होंने बताया कि चार जनवरी की परीक्षा में करीब 12,000 अभ्यर्थी शामिल होंगे।

बीपीएससी ने 34 अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, जो 13 दिसंबर को बापू परीक्षा केंद्र पर कथित तौर पर व्यवधान पैदा करने में शामिल थे।

पीएससी अध्यक्ष ने कहा, ‘सभी 34 छात्रों को 26 दिसंबर तक कारण बताओ नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। आयोग उनके जवाबों की जांच करेगा और उसके बाद उचित निर्णय लेगा। जो लोग अपना जवाब देने में विफल रहते हैं, उनके मामले में आयोग अपने पास उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर निर्णय लेगा।’

अभ्यर्थियों का एक समूह राज्य में 13 दिसंबर को आयोजित बीपीएससी की पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहा है। वे पिछले चार-पांच दिनों से गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हैं।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सिर्फ एक केंद्र के लिए दोबारा परीक्षा कराना ‘समान अवसर’ के सिद्धांत के खिलाफ होगा।

पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पहले ही धरना स्थल का दौरा कर चुके हैं और आंदोलन को अपना समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं।

हालांकि, पटना जिला प्रशासन ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि गर्दनीबाग में 13 दिसंबर को हुई परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे अधिकांश प्रदर्शनकारी गैर-परीक्षार्थी हैं। सोमवार शाम को, उनमें से कुछ ने कथित तौर पर गर्दनीबाग अस्पताल में प्रवेश किया, चिकित्सा कर्मचारियों को परेशान किया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। विरोध प्रदर्शन में शामिल तीन लोग – पूर्वी चंपारण के राहुल कुमार (32), वैशाली के आशुतोष आनंद (35) और सुजीत उर्फ ​सुनामी गुरु (40) का वर्तमान में पीएमसीएच में इलाज किया जा रहा है।

‘खान सर’ के नाम से पहचाने जाने वाले शिक्षक आंदोलन के समर्थन में सामने आए हैं और उन्होंने मंगलवार को पीएमसीएच में भर्ती अभ्यर्थियों से मुलाकात की।

जिलाधिकारी ने सोमवार को कहा था, ‘प्रदर्शन का नेतृत्व गैर-परीक्षार्थी कर रहे हैं, जो राजनीतिक कारणों से वास्तविक अभ्यर्थियों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘कुछ कोचिंग संस्थान भी इस विरोध प्रदर्शन के पीछे हैं, जिसमें निराधार और भड़काऊ बयानबाजी की गई है, जिसका उद्देश्य कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करना है। सख्त कार्रवाई के लिए सभी की पहचान की जा रही है।’।’

जिलाधिकारी ने यह भी कहा था कि आज कुछ प्रदर्शनकारी गर्दनीबाग अस्पताल गए और दावा किया कि वे भूख हड़ताल पर हैं और बीमार पड़ गए हैं तथा उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों के साथ मारपीट की।

भाषा अनवर नोमान

नोमान