पटना, आठ नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को उन लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने नोटबंदी के बाद अमान्य हो चुके नोट जमा करने के लिए बैंकों के बाहर ‘‘लगी लंबी कतारों में अपनी जान गंवा दी’’।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में व्यंग्यात्मक लहजे में ‘बरसी’ शब्द का भी इस्तेमाल किया जो पुण्यतिथि पर आयोजित की जाने वाली रस्म है। उन्होंने कहा कि इसी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य घोषित किया था।
यादव ने कहा, “मुझे नहीं पता कि आप लोगों को याद है या नहीं। लेकिन आज आठ नवंबर है, एक बड़ा दिन है। यह नोटबंदी की बरसी है।”
उन्होंने कहा, “आज के दिन मैं उन लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी जान गंवाई। बड़े-बड़े दावे किए गए थे कि काला धन खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन वादे खोखले साबित हुए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बजाय भारतीय जनता पार्टी ने देशभर में जमीन खरीदीं और उन पर भव्य पार्टी कार्यालय बनाए, जो संभवतः काले धन से बनाए गए।
भाषा प्रशांत वैभव
वैभव
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