पटना, 24 अक्टूबर (भाषा) बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब से मौतों को लेकर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और सत्तारूढ़ जनता दल (यू) के बीच बृहस्पतिवार को आरोप-प्रत्यारोप का दौर रहा।
पिछले हफ्ते तीन जिलों में जहरीली शराब के सेवन से लगभग 40 लोगों की जान चली गई थी।
राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने एक वीडियो बयान जारी कर प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब के कारोबार के बेरोकटोक जारी रहने के लिए मुख्यमंत्री की पार्टी को जिम्मेदार ठहराया।
राजद नेता ने पूछा, ‘‘ऐसा लगता है कि जद(यू) का मतलब ‘‘जहां दारू है अनलिमिटेड’’( हो गया है)… इतने बड़े पैमाने पर अवैध शराब की उपलब्धता को कोई और कैसे समझा सकता है।’’
बिहार में अप्रैल 2016 में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था।
हालांकि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने हाल में दावा किया था कि उन्होंने नीतीश कुमार को इतना कठोर कदम उठाए जाने को लेकर सचेत किया था जिसके बाद जद(यू) के नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रसाद शराबबंदी के पक्ष में थे और इसके समर्थन में आयोजित मानव शृंखला में मुख्यमंत्री का हाथ पकड़कर एक साथ खड़े हुए थे।
जद (यू) ने यह भी कहा कि जब सरकार शराबबंदी कानून लेकर आई थी तब प्रसाद के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री थे और उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव कैबिनेट मंत्री थे।
जद (यू) प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘यदि आप ‘‘नामकरण’’ करने का प्रयास करते हैं, तो सावधान रहें, यह उल्टा पड़ सकता है।’’
उन्होंने दावा किया कि राजद को ‘‘राष्ट्रीय जहरीला दल’’ कहा जा सकता है।
नीरज ने कहा, ‘‘यह नाम उस पार्टी के लिए उपयुक्त होगा जो जाति और धर्म के नाम पर जहर उगलती रही है और जिसे अपराध और भ्रष्टाचार का पर्याय माना जाता है।’’
भाषा अनवर नोमान
नोमान
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)