Prashant Kishor will form a new party : पटना। प्रशांत किशोर (prashant kishor) के ट्वीट के बाद बिहार राजनीति एक बार फिर से गर्म हो गई है, बीजेपी ने उन्हें पावर ब्रोकर कहा है तो जनता दल यूनाइडेट (JDU) ने भी प्रशांत किशोर पर तंज कसा है। प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा है कि अब मुद्दों और ‘जन सुराज’ के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए रियल मास्टर्स यानी जनता तक जाने का समय आ गया है, जिसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे है कि प्रशांत किशोर अपनी नई पार्टी बना सकते हैं।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
प्रशांत किशोर ने ट्वीट का लिखा, लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति को आकार देने में मदद करने की मेरी उतार चढ़ाव भरी यात्रा रही है, उन्होंने आगे लिखा, ”अब मुद्दों और जन सुराज के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए ‘रियल मास्टर’ यानी जनता के पास जाने का समय आ गया है, शुरुआत बिहार से।”
प्रशांत किशोर का नाम आज भारत के हर कोने में जाना जाता है, भारत के बड़े राजनीतिक विश्लेषकों और चुनाव रणनीतिकारों में उनकी गिनती है। पीएम मोदी को गुजरात से दिल्ली लाने के दौरान उन्होंने भाजपा के चुनावी रणनीतिकार की भूमिका अदा की। बाद में वे कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड, तृणमूल कांग्रेस सहित कई दलों के लिए इसी भूमिका में दिखे। भारत का हर राजनीतिक दल उनकी अहमियत समझता है। प्रशांत किशोर की यात्रा बिहार के एक छोटे से शहर बक्सर से शुरू होती है।
प्रशांत किशोर का राजनीति से जुड़ाव 34 वर्ष की उम्र में हुआ। वे तब यूनाइटेड नेशंस के तहत अफ्रीका में नौकरी कर रहे थे। 2011 में इनकी मुलाकात गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी से हुई। एक कार्यक्रम में प्रशांत किशोर की प्रस्तुति के अंदाज ने नरेंद्र मोदी को प्रभावित किया। इसके बाद दोनों एक-दूसरे के करीब आए। प्रशांत ने अपनी नौकरी छोड़कर गुजरात सरकार और नरेंद्र मोदी के लिए ब्रांड मैनेजर के तौर पर काम शुरू किया। उनका आई पैक नाम का एक संगठन है, जिसका पूरा नाम है इंडियन पालिटिकल एक्शन कमेटी। यह राजनीतिक दलों को ब्रांडिंग और चुनाव अभियान के लिए सेवाएं उपलब्ध कराता है।
प्रशांत किशोर बतौर चुनावी रणनीतिकार बिहार में जदयू के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काम कर चुके हैं। यह वह वक्त था, जब नीतीश, भाजपा से अलग होकर राजद के साथ चले गए थे। नीतीश ये चुनाव जीते थे। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह भी प्रशांत की सेवा ले चुके हैं। हाल में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में प्रशांत की सेवाएं लीं। वे आम आदमी पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के लिए भी काम कर चुके हैं।
कांग्रेस में शामिल होने से इनकार के बाद से ही नई पार्टी के गठन की चर्चाएं होने लगीं थीं, लेकिन अब पीके के ट्वीट ने इन कयासों को और बल दिया है।
प्रशांत किशोर के ट्वीट के बाद बीजेपी ने उन पर जुबानी हमला बोल दिया है। भाजपा नेता निखिल आनंद ने कहा कि प्रशांत किशोर पावर ब्रोकर है और राजनीतिक दलों के लिए सक्रिय रहे हैं, कई राजनीतिक दलों के लिए वह सोशल मीडिया चलाते रहे हैं, लोकतंत्र में सभी को सूचित कर अपना राजनीतिक दल चलाने के लिए प्रशांत किशोर की भूमिका बिहार में केवल वोट कटवा की रहेगी।
जद यूनाइटेड ने उनके राजनीतिक दल बनाने की संकेतों को लेकर कहा है कि बिहार में किसी भी व्यक्ति को राजनीतिक दल बनाने की आजादी है मगर साथ ही तंज कसते हुए कहा कि प्रशांत किशोर ने बिहार के 12 करोड़ लोगों तक पहुंचने का जो प्लान बनाया है वह एक बड़ा लक्ष्य है क्योंकि आज तक देश के किसी राजनीतिक दल ने किसी प्रदेश के सभी लोगों तक वे सफल पहुंचने में सफलता हासिल नहीं की है।
राष्ट्रीय जनता दल ने भी प्रशांत किशोर के राजनीतिक दल बनाने को लेकर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि उन्हें बिहार में राजनीति करने का पूरा हक है मगर बिहार की जनता को केवल तेजस्वी यादव का विकास का मॉडल ही पसंद है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि प्रशांत किशोर की पहचान अब तक केवल चुनावी रणनीतिकार तक रही है। जनता के बीच अब वह जाना चाहते हैं इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन बिहार में केवल तेजस्वी यादव मॉडल ही चलेगा और प्रशांत किशोर जो करना चाह रहे हैं उसमें बहुत समय लगेगा।
पूर्व उप मुख्यमंत्री व भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी के अनुसार 4 दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है। लोकतंत्र में किसी को भी राजनीतिक प्रयोग करने या दल बनाने की पूरी आजादी है, देश में सैकड़ों दलों के बीच अब इस भीड़ में यदि कोई अतिमहत्वाकांक्षी व्यक्ति एक नई नहर बनाना चाहता है, तो इससे सदाबहार नदियों को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
पीके की घोषणा पर ट्वीट कर दी गई अपनी प्रतिक्रिया में सुशील मोदी ने कहा कि जनता के मन-मस्तिष्क में गहरे स्थापित किसी राजनीतिक दल के लिए चुनावी रणनीति बनाना, नारे-पोस्टर, घोषणापत्र आदि बनाने में किसी पार्टी की मदद करना या इस अभियान को बहुत पेशेवर ढंग से पूरा कर लेना एक बात है, लेकिन करोड़ों लोगों की आकांक्षा पर खरे उतरने वाली राजनीति करना बिल्कुल अलग बात है।
प्रशांत किशोर की ओर से राजनीति में एंट्री करने के सवाल पर जदयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि किसी को भी हक़ है कि वो राजनीति करे। प्रशांत किशोर भी राजनीति कर रहे हैं तो उनका स्वागत है। प्रशांत किशोर और जदयू के बीच फिर से तालमेल होने के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि अगर वैसी कोई स्थिति होती है तो किसी के लिए मना थोड़े ही होता है। किसी की उपयोगिता अगर उस समय दिखती है तो पार्टी फ़ैसला लेती है। प्रशांत किशोर को लेकर भी पार्टी देखेगी और कोई फ़ैसला लेगी।
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