पटना के नए कलेक्ट्रेट परिसर का छठ के बाद उद्घाटन होने की संभावना |

पटना के नए कलेक्ट्रेट परिसर का छठ के बाद उद्घाटन होने की संभावना

पटना के नए कलेक्ट्रेट परिसर का छठ के बाद उद्घाटन होने की संभावना

:   Modified Date:  October 20, 2024 / 09:34 PM IST, Published Date : October 20, 2024/9:34 pm IST

पटना, 20 अक्टूबर (भाषा) पटना कलेक्ट्रेट के बहुमंजिला आधुनिक परिसर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और नवंबर में छठ पूजा के तुरंत बाद इसका उद्घाटन होने की संभावना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

तीन ऊंची इमारतों वाले इस नए परिसर में सतह और बेसमेंट पर पार्किंग की सुविधाएं हैं।

इसने डच और ब्रिटिश काल की धरोहर इमारतों के समूह की जगह ले ली है, जो पुराने कलेक्ट्रेट का निर्माण करते थे और जिन्हें पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में 2022 में ध्वस्त कर दिया गया था।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आठ टस्कन स्तंभ को संरक्षित कर लिया गया है और इन्हें नए परिसर में एक समर्पित स्थान पर प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा। ये स्तंभ पुराने कलेक्ट्रेट के अब ध्वस्त हो चुके डच युगीन रिकॉर्ड रूम के अग्र भाग की शोभा बढ़ाते थे।

केंद्रीय भवन में मुख्य कलेक्ट्रेट होगा, जिसमें ‘जी+5’ (भूतल और पांच) मंजिल और एक बेसमेंट होगा। इसमें जिलाधिकारी का कार्यालय सबसे ऊपरी मंजिल पर होगा।

यह विशाल परिसर 10 एकड़ में फैला है और शहर के मध्य में गंगा के किनारे स्थित है। इस परिसर को कलेक्ट्रेट घाट के सामने बनाया गया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्य ब्लॉक के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में दो ब्लॉक हैं, जिनमें से प्रत्येक में ‘जी+4’ फ्लोर और एक बेसमेंट है। पूर्वी ब्लॉक में जिला बोर्ड पटना का कार्यालय होगा, जबकि पश्चिमी ब्लॉक में एसडीओ और डीडीसी के कार्यालय होंगे।

अधिकारी ने कहा, ’18 मई 2022 को शुरू हुआ निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और इसे 31 अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य है।’

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘छठ पूजा नवंबर के पहले सप्ताह में है और उसके तुरंत बाद नए कलेक्ट्रेट का उद्घाटन होने की उम्मीद है।’

भवन निर्माण विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि नए कलेक्ट्रेट परिसर का उद्घाटन ‘छठ पूजा के तुरंत बाद’ होने की संभावना है।

पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने पिछले एक सप्ताह में दो बार (14 अक्टूबर और 19 अक्टूबर को) परियोजना स्थल का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को अक्टूबर के अंत तक काम पूरा करने का निर्देश दिया।

उम्मीद है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आधुनिक कलेक्ट्रेट परिसर का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने हाल के महीनों में परियोजना स्थल का निरीक्षण किया था।

कलेक्ट्रेट घाट पारंपरिक रूप से छठ घाट भी रहा है। निर्माण कार्य की शुरुआत से ही कलेक्ट्रेट स्थल की ओर से लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई थी। कलेक्ट्रेट घाट जाने के लिये नए परिसर के पूर्व से रास्ता दिया गया है, जो गंगा घाट की ओर निकलता है। पुराने कलेक्ट्रेट परिसर में 2022 से पहले कई श्रद्धालु छठ महापर्व के दौरान इकट्ठा होते थे और कुछ लोग चार दिनों तक चलने वाले त्योहार के दौरान इसके परिसर में कुछ दिनों के लिए डेरा भी डालते थे।

नीतीश कुमार नीत सरकार ने 2016 में एक नया परिसर बनाने के लिए पटना कलेक्ट्रेट को ध्वस्त करने का प्रस्ताव रखा था। इससे जनता में भारी आक्रोश फैल गया और भारत और विदेश में बसे विरासत प्रेमियों ने इसे बचाने की अपील की।

वर्ष 2016 की शुरुआत में भारत में तत्कालीन डच राजदूत अल्फोंसस स्टोलिंगा ने बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनसे ऐतिहासिक पटना कलेक्ट्रेट को ‘साझा विरासत’ के रूप में संरक्षित करने और इसे राज्य पुरातत्व विभाग के तहत सूचीबद्ध करने की अपील की थी।

वर्ष 2019 में दिल्ली स्थित विरासत संस्था इंटैक इस मामले को पटना उच्च न्यायालय और अंततः 2020 में उच्चतम न्यायालय में ले गया।

इंटैक द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने 18 सितंबर, 2020 को पुराने कलक्ट्रेट को ध्वस्त किये जाने पर रोक लगाने का आदेश दिया, जिससे विरासत प्रेमियों को कुछ राहत मिली।

हालांकि, यह ख़ुशी अल्पकालिक थी, क्योंकि 13 मई, 2022 को शीर्ष अदालत की एक खंडपीठ ने इमारत के संरक्षण की याचिका को खारिज कर दिया, जिससे इसे ध्वस्त किये जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया।

भाषा

शुभम दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)