नीतीश ने श्याम रजक को जद(यू) का राष्ट्रीय महासचिव, अरुण कुमार को झारखंड इकाई का सह-प्रभारी बनाया |

नीतीश ने श्याम रजक को जद(यू) का राष्ट्रीय महासचिव, अरुण कुमार को झारखंड इकाई का सह-प्रभारी बनाया

नीतीश ने श्याम रजक को जद(यू) का राष्ट्रीय महासचिव, अरुण कुमार को झारखंड इकाई का सह-प्रभारी बनाया

:   Modified Date:  September 23, 2024 / 08:50 PM IST, Published Date : September 23, 2024/8:50 pm IST

पटना, 23 सितंबर (भाषा) जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पूर्व मंत्री श्याम रजक को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव और अरुण कुमार को जद(यू) की झारखंड इकाई का सह-प्रभारी नियुक्त किया है।

जद(यू) महासचिव और बिहार विधान परिषद सदस्य आफाक अहमद खान ने सोमवार को एक पत्र में इस आशय की जानकारी देते हुए कहा, ‘माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष, जनता दल (यूनाइटेड) नीतीश कुमार ने श्याम रजक को तत्काल प्रभाव से जद (यू) का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है।’

उन्होंने एक अन्य पत्र जारी कर बताया कि जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अरुण कुमार को तत्काल प्रभाव से पार्टी की झारखंड इकाई का सह-प्रभारी बनाया है।

बिहार के पूर्व मंत्री रजक ने 22 अगस्त को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से इस्तीफा देते हुए उन्हें ‘धोखा’ दिए जाने का आरोप लगाया था।

रजक ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को संबोधित एक संक्षिप्त पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने घोषणा की कि वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद के साथ-साथ दल की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं।

रजक एक सितंबर को जद (यू) में शामिल हो गए थे।

उन्होंने लालू को संबोधित पत्र में लिखा, ‘मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था।’

राजद से इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों द्वारा इस संबंध में पूछे जाने पर रजक ने दावा किया था कि उन्होंने फुलवारी शरीफ विधानसभा क्षेत्र में ‘समर्थकों की सलाह’ के बाद यह निर्णय लिया। रजक फुलवारी शरीफ विधानसभा क्षेत्र का कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, लेकिन 2020 में उन्हें यह सीट छोड़नी पड़ी, जब इसे राजद की सहयोगी भाकपा (माले) को दे दिया गया।

राजद छोड़ने के बाद रजक ने संकेत दिए थे कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उस सीट से फिर से किस्मत आजमाना चाहेंगे, जिसका वह छह बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

पूर्व मंत्री रजक (70) के बारे में यह भी चर्चा थी कि बिहार विधान परिषद में स्थान दिए जाने के संबंध में राजद द्वारा उनके नाम पर विचार न किए जाने से वह नाराज थे।

भाषा

अनवर रवि कांत पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)