बाढ़ नियंत्रण उपायों के तहत नदियों पर और अधिक बैराज बनाया जाएगा : मंत्री |

बाढ़ नियंत्रण उपायों के तहत नदियों पर और अधिक बैराज बनाया जाएगा : मंत्री

बाढ़ नियंत्रण उपायों के तहत नदियों पर और अधिक बैराज बनाया जाएगा : मंत्री

:   Modified Date:  August 30, 2024 / 08:55 PM IST, Published Date : August 30, 2024/8:55 pm IST

पटना, 30 अगस्त (भाषा) बिहार के जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि बाढ़ नियंत्रण उपायों के तहत राज्य सरकार ने पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, किशनगंज, मधुबनी और सुपौल जिलों में और अधिक बैराजों के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

पटना में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान चौधरी ने इस आशय की घोषणा करते हुए कहा कि इन जिलों में और अधिक बैराज के निर्माण के लिए डीपीआर को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

मंत्री ने कहा, ‘पूर्वी चंपारण के अरेराज में गंडक नदी पर एक और बैराज का निर्माण, पश्चिमी चंपारण में बूढ़ी गंडक की सहायक मसान नदी पर बैराज या बांध का निर्माण, सीतामढ़ी के ढेंग में बागमती नदी पर बैराज, मधुबनी के जयनगर में कमला नदी पर बैराज का निर्माण, सुपौल के डाकमारा में कोसी नदी पर एक और बैराज का निर्माण और किशनगंज के तैयबपुर में महानंदा नदी पर बैराज का निर्माण’ के लिए डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है।’’

चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में बिहार के लिए प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ से संबंधित आपदाओं से निपटने के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है।

चौधरी ने कहा, ‘कोसी-मेची इंटर-लिंकिंग परियोजना, जिस पर 6,282.32 करोड़ रुपये खर्च होंगे, को भी केंद्र की सहायता से पूरा किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य सीमांचल में बड़ी संख्या में लोगों को सिंचाई प्रदान करना है।’’

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार नेपाल से निकलने वाली नदियों की बाढ़ का प्रबंधन करने के लिए कह रही है।

मंत्री ने कहा, “यह केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान था जब भारत ने नेपाल में कोसी, बागमती और कमला नदी पर उच्च-स्तरीय बांध बनाने और संबंधित डीपीआर तैयार करने के लिए 2004 में विराटनगर (नेपाल) में एक संयुक्त परियोजना कार्यालय स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नेपाल से संबंधित कुछ मुद्दों के कारण इसको लेकर डीपीआर नहीं बन सका। बाद में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने राज्य के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के भीतर परियोजनाओं को अंतिम रूप देने का फैसला किया।”

राज्य में नदी पुनरुद्धार कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए, ‘राज्य सरकार ने विलुप्त हो रही नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए कई उपाय किए हैं…लेकिन यह काम केंद्र और अन्य राज्यों द्वारा आपसी समन्वय से किया जाना चाहिए। मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि नदी में भारी मात्रा में गाद जमा होने से नदी का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे कुछ नदियों के अस्तित्व के लिए बड़ी चुनौती पैदा हो जाती है। केंद्र को जल्द से जल्द राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनानी चाहिए, क्योंकि इससे राज्य को गंगा, अन्य नदियों और झीलों से गाद हटाने के काम में मदद मिलेगी।’

भाषा अनवर

रंजन

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