पटना, 19 जनवरी (भाषा) लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने विधायी निकायों के कामकाज में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को अपनाने की रविवार को पुरजोर वकालत की। उन्होंने कहा कि भारत के पास यह प्रदर्शित करने का अनूठा अवसर है कि प्रौद्योगिकी किस प्रकार लोकतांत्रिक आदर्शों को सुदृढ़ कर सकती है।
विधायी निकायों के सचिवों के 61वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि एआई के बारे में नैतिक चिंताओं, जैसे कि गलत सूचना और गोपनीयता को लेकर जोखिम से मजबूत सुरक्षा उपायों की जरूरत उत्पन्न होती है।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि एआई प्रणाली सटीक, संदर्भ-जागरूक और समावेशी हों।
लोकसभा महासचिव ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एआई को अपनाने में पारदर्शिता, निष्पक्षता और सार्वजनिक सहभागिता को प्राथमिकता दी जाए, जबकि नवाचार और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा दिया जाए।’’
सिंह ने कहा कि भारत का डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम और एआई विनियमन पर सलाहकार समूह इन नैतिक चिंताओं को दूर करने के लिए सक्रिय उपायों को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के मार्गदर्शन में, देश ने संसदीय प्रौद्योगिकी में कई महत्वपूर्ण पहलों को अपनाया है।
भाषा अमित आशीष
आशीष
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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