पटना, 20 जुलाई (भाषा) विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए रविवार को राज्य में विरोध मार्च निकाला।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, भाकपा-माले (लिबरेशन), माकपा, भाकपा और अन्य विपक्षी दलों ने पटना में आयकर चौराहे से डाक बंगला चौराहा तक मार्च निकाला और सरकार विरोधी नारे लगाए।
विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्य की राजधानी में पोस्टर और बैनर लगाए, जिनमें कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई और लोकतंत्र को बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नीतीश कुमार सरकार बिगड़ती कानून व्यवस्था को संभालने में विफल रही है। राज्य हत्या, बलात्कार, अपहरण, जबरन वसूली की दैनिक घटनाओं से त्रस्त है। नीतीश कुमार इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? बिहार की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और 2025 के विधानसभा चुनाव में राजग को करारा जवाब देगी।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हाल में अपराध दर में वृद्धि हुई है, और राज्य सरकार सार्वजनिक सुरक्षा के प्रति उदासीन प्रतीत होती है। यह मुद्दा विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में उठाया जाएगा।’’
बिहार विधानसभा में माकपा (माले) लिबरेशन के नेता महबूब आलम ने भी इसी तरह की चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘बिहार भाग्य के भरोसे है। कानून और व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है और चूंकि मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है, इसलिए अगर वह स्थिति को नियंत्रित नहीं कर सकते, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।’’
विपक्ष के दावों के जवाब में वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने टिप्पणी की, ‘‘जब राजद नेता लालू प्रसाद मुख्यमंत्री थे, तो उनका आवास आपराधिक गिरोहों का केंद्र बन गया था। नीतीश कुमार की सरकार में अब ऐसा नहीं है।’’
राज्य के अन्य हिस्सों से भी ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाने की खबरें मिली हैं। विपक्ष दरभंगा में पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता की हत्या समेत हाल की हिंसक घटनाओं को लेकर नीतीश कुमार सरकार की आलोचना कर रहा है।
भाषा वैभव माधव
माधव
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