पटना, 20 जुलाई (भाषा) केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की। कुमार के साथ मांझी की कभी नजदीकी, तो कभी दूरी रही है।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख मांझी अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के दबाव के विरोध में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से नाता तोड़ते हुए 2015 में अपनी पार्टी ‘हम’ बनाई थी। मुख्यमंत्री पद पर कुमार की वापसी के लिए मांझी पर इस पद से हटने के लिए कथित तौर पर दबाव डाला गया था।
गया से सांसद मांझी (76) ने कहा, ‘‘जब मैंने पार्टी बनाई थी, तब नीतीश कुमार ने मेरा मजाक उड़ाया था। उनका सोचना था कि मैं संगठन नहीं चला पाऊंगा क्योंकि मेरे पास वित्तीय सहारा नहीं था। वर्षों बाद, ऐसा प्रतीत होता है कि हम और अधिक मजबूत होते जा रहे हैं।’’
मांझी ने 2020 में कुछ समय के लिए कुमार से हाथ मिलाया था और उनके बेटे संतोष सुमन को नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में मंत्री पद मिला था।
मांझी ने पिछले साल हुए प्रकरण को भी याद किया जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा विरोधी दलों को एकजुट करने में जुटे थे। इसी के फलस्वरूप ‘इंडिया’ गठबंधन बना था।
मांझी ने याद किया, ‘‘मुझे नीतीश कुमार ने मेरी पार्टी का जदयू में विलय कर लेने या अलग हो जाने को कहा था।’’
खुद मांझी ने भी जदयू प्रमुख कुमार की तरह भाजपा नीत राजग छोड़ दिया था और बाद में फिर राजग के साथ हो गए थे। इसके फलस्वरूप संतोष सुमन मंत्रिपद बरकरार रख पाए थे।
हम प्रमुख मांझी ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी का एक भी कार्यकर्ता विलय के पक्ष में नहीं था। हमने सभी से संपर्क करने के बाद अलग होने का निर्णय लिया।’’
तब सुमन ने विलय के दबाव के विरोध में राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
मांझी ने उनके बेटे की मंत्रिपरिषद में वापसी का समर्थन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाले राजग को भी धन्यवाद दिया।
भाषा राजकुमार नेत्रपाल
नेत्रपाल
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