जनसुराज पार्टी का लक्ष्य गोडसे के दौर में गांधी की विचारधारा को पुनर्जीवित करना : प्रशांत किशोर |

जनसुराज पार्टी का लक्ष्य गोडसे के दौर में गांधी की विचारधारा को पुनर्जीवित करना : प्रशांत किशोर

जनसुराज पार्टी का लक्ष्य गोडसे के दौर में गांधी की विचारधारा को पुनर्जीवित करना : प्रशांत किशोर

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Modified Date: January 18, 2025 / 10:57 PM IST
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Published Date: January 18, 2025 10:57 pm IST

पटना, 18 जनवरी (भाषा) जनसुराज पार्टी (जेएसपी) के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मुस्लिम समुदाय में अपनी पैठ बनाने के लिए शनिवार को कहा कि उनके संगठन का लक्ष्य ‘‘गोडसे के दौर में’’ गांधी की विचारधारा को पुनर्जीवित करना है।

किशोर ने पटना के हज भवन में जन सुराज बेदारी कारवां अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य ‘‘गोडसे के दौर में’’ गांधी की विचारधारा को पुनर्जीवित करना है।

उन्होंने कहा कि बेदारी कारवां गांधी की विचारधारा पर आधारित कारवां है क्योंकि गांधी की विचारधारा से ही मुस्लिम समाज के लोगों का विकास हो सकता है।

किशोर ने आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को निशाना बना रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में बीपीएससी आंदोलन के दौरान उन्हें पता चला कि कई मुस्लिम युवकों को पुलिस ने गलत तरीके से हिरासत में ले रखा है, और सबसे आश्चर्य की बात यह है कि मुस्लिम समुदाय में इतना डर है कि कोई भी इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा रहा है। लेकिन, अब हमने तय किया है कि जन सुराज हर उस युवा को इंसाफ दिलाएगा जिसे प्रशासन ने गलत तरीके से हिरासत में लिया है।’’

किशोर ने कहा कि केवल गांधी की विचारधारा ही मुस्लिम समाज को ‘‘सुरक्षा’’ प्रदान कर सकती है।

जनसुराज पार्टी के संस्थापक ने कहा, ‘‘मैं आप लोगों को आश्वस्त कर रहा हूं कि अगर प्रशासन किसी मुस्लिम व्यक्ति को गलत तरीके से गिरफ्तार करता है या हिरासत में रखता है, तो जन सुराज उनके साथ न्याय के लिए लड़ेगा। हमारे बेदारी कारवां अभियान का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के बीच जागरुकता पैदा करना और पूरे राज्य में जन सुराज का संदेश फैलाना है।

उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर को आयोजित बीपीएससी की 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के बीच इसे रद्द करने की मांग को लेकर उम्मीदवारों के एक समूह द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी है।

हालांकि, सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया और पटना के एक केंद्र पर परीक्षा में शामिल हुए 12,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित कराई गई जिसका प्रदर्शनकारी यह दलील देते हुए विरोध कर रहे हैं कि उन्हें ‘‘समान अवसर’’ से वंचित किया जा रहा है।

बीपीएससी की इस परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर उम्मीदवारों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का किशोर ने समर्थन किया है।

भाषा

अनवर, रवि कांत रवि कांत रवि कांत

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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