भारत बंदः बिहार के कुछ जिलों में यातायात बाधित, पुलिस ने कई स्थानों पर किया लाठीचार्ज |

भारत बंदः बिहार के कुछ जिलों में यातायात बाधित, पुलिस ने कई स्थानों पर किया लाठीचार्ज

भारत बंदः बिहार के कुछ जिलों में यातायात बाधित, पुलिस ने कई स्थानों पर किया लाठीचार्ज

:   Modified Date:  August 21, 2024 / 10:48 PM IST, Published Date : August 21, 2024/10:48 pm IST

(तस्वीर सहित)

पटना, 21 अगस्त (भाषा) अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में आहूत ‘भारत बंद’ के तहत बिहार में विभिन्न दलित एवं आदिवासी संगठनों द्वारा बुधवार को रेल और सड़क जाम करने की कोशिश की गयी। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और पानी की बौछार की।

प्रदर्शनकारियों ने दरभंगा और बक्सर रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों की आवाजाही बाधित करने के साथ ही पटना, वैशाली, दरभंगा, जहानाबाद, पूर्णिया, कटिहार, मुजफ्फरपुर और बेगूसराय जिलों में कई स्थानों पर कुछ राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात को अवरुद्ध करने की कोशिश की। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा।

पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजीव मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा‘ से कहा, ‘‘डाक बंगला चौराहे पर यातायात को अवरुद्ध करने और पुलिस द्वारा लगाये गये अवरोधकों को हटाने पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने हल्का लाठीचार्ज किया। इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।’’

पटना के डाक बंगला चौराहे पर भारत बंद के दौरान कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करते समय एक पुलिसकर्मी द्वारा गलती से प्रशासनिक अधिकारी पर लाठी चला दिए जाने के बारे में मिश्रा ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान उक्त पुलिसकर्मी ने पटना सदर के अनुमंडल अधिकारी (एसडीओ) पर गलती से डंडा चला दिया। उन्होंने कहा कि यह एक मानवीय भूल थी क्योंकि पुलिसकर्मी प्रशासनिक अधिकारी को पहचान नहीं सका था।

उन्होंने बताया कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ।

बाद में पटना जिला प्रशासन ने भी एक बयान जारी कर कहा कि यह घटना एक वास्तविक मानवीय त्रुटि थी।

बयान में कहा गया, ‘‘भारत बंद के दौरान डाक बंगला चौराहे पर प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग किया गया। भीड़ को संभालने के दौरान अनुमंडल अधिकारी (पटना सदर) के ऊपर एक सिपाही द्वारा ग़लतफहमी में लाठी चला दी गई। अनुमंडल अधिकारी ने इसे एक मानवीय भूल बताते हुए कहा है कि सिपाही के विरुद्ध कोई अनुशासनिक कार्रवाई नहीं की जायेगी।’’

पटना जिला प्रशासन द्वारा शाम को जारी एक बयान में कहा गया है कि बुधवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर कानून अपने हाथ में लेने का प्रयास करने वाले नौ लोगों को गिरफ्तार करने के साथ पटना पुलिस ने इस सिलसिले में तीन प्राथमिकी दर्ज की है।

भारत बंद के दौरान जहानाबाद जिले में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-83 पर यातायात अवरुद्ध कर दिया। उनकी सुरक्षाकर्मियों के साथ हुई झड़प के बाद पांच लोगों को हिरासत में लिया गया।

बंद के दौरान मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, सारण, बेगूसराय, हाजीपुर, पूर्णिया और कटिहार सहित अन्य जिलों में प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर यातायात को अवरुद्ध करने का प्रयास किया और टायर जलाए लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें तुरंत तितर-बितर कर दिया।

पूर्णिया से निर्दलीय लोकसभा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और उनके समर्थक भी उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के विरोध में पटना और अन्य जगहों पर सड़कों पर उतरे।

पप्पू यादव ने पूर्णिया में संवाददाताओं से कहा, ‘‘केंद्र की राजग सरकार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को आरक्षण के खिलाफ है। केंद्र इन समुदायों को दिया जाने वाला आरक्षण छीनना चाहती है।’’

दरभंगा और बक्सर रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए एवं कुछ समय के लिए बिहार संपर्क क्रांति और फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया। बाद में, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के जवानों ने रेलवे स्टेशनों से प्रदर्शनकारियों को हटा दिया।

पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) सरस्वती चंद्रा ने ‘पीटीआई-भाषा‘ से कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों ने सुबह कुछ समय के लिए भोजपुर जिला मुख्यालय आरा, बक्सर जिला के चौसा, दरभंगा, बेगूसराय और नालंदा जिला के राजगीर में रेल यातायात को बाधित किया। प्रदर्शनकारियों को रेलवे की पटरियों और स्टेशनों से हटाकर स्थिति को तुरंत नियंत्रित किया गया और अब ट्रेनें सुचारू रूप से चल रही हैं।’’

इस बीच, बुधवार को ही राज्य के कई जिलों में केंद्रीय कॉन्स्टेबल चयन बोर्ड (सीएसबीसी) पुलिस की विभिन्न इकाइयों में सिपाही पद के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा को लेकर राज्य सरकार ने पहले पुलिस को निर्देश दिया था कि वे उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्रों तक सुचारू रूप से पहुंचाएं।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और विपक्षी गठबंधन ‘‘इंडिया’’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) में शामिल कई अन्य दलों ने विभिन्न दलित एवं आदिवासी संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का समर्थन किया है।

उच्चतम न्यायालय ने एक अगस्त को कहा था कि राज्यों को अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि उन जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी हैं।

यह फैसला सुनाने वाली पीठ का हिस्सा रहे उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति बी आर गवई ने कहा था कि राज्यों को एससी, एसटी में क्रीमी लेयर की पहचान करनी चाहिए और उन्हें आरक्षण के दायरे से बाहर करना चाहिए।

भाषा

अनवर, रवि कांत रवि कांत

 

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